ताजा खबर
‘वो पागल, बदतमीज, उपद्रवी है’, डोनाल्ड ट्रंप ने किसके लिए कही की ये बात?   ||    ब्रिटेन में क्यों छिड़ा फर्स्ट कजिन मैरिज विवाद? क्या दी गईं दलीलें और क्या कहती है सरकार   ||    पाकिस्तान में ट्रेन हादसा, बम धमाके के बाद पटरी से उतरी जाफर एक्सप्रेस   ||    कैलिफोर्निया में हेलिकॉप्टर क्रैश, 3 लोग गंभीर रूप से घायल, जांच जारी   ||    अमेरिका में जारी रहेगा शटडाउन, रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स में क्यों छिड़ा विवाद?   ||    टैरिफ पर ट्रंप का एक और ऐलान, अब ट्रकों पर लगाया 25% टैक्स, कब से होगा लागू?   ||    कौन थे सीनियर IPS अधिकारी वाई पूरन सिंह? जिनका 29 सितंबर को हुआ था ट्रांसफर, पत्नी भी हैं IAS अधिकार...   ||    बिहार SIR के मामले में सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी-जिनके नाम काटे, उनकी डिटेल दे चुनाव आयोग   ||    फिजिक्स के लिए अमेरिका के तीन साइंटिस्ट को मिला नोबल पुरस्कार, स्वीडन की एकेडमी ने किया ऐलान   ||    93 साल, अदम्य साहस, असंख्य बलिदान… पढ़ें भारतीय वायुसेना के गौरवशाली इतिहास की कहानी   ||   

पुणे में कुत्तों का संकट गहराया, दो साल में 65 हजार से ज्यादा काटने के मामले

Photo Source : Google

Posted On:Friday, July 11, 2025

पुणे न्यूज डेस्क: पुणे शहर में आवारा कुत्तों की समस्या अब गंभीर रूप ले चुकी है। महाराष्ट्र सरकार ने विधानसभा में यह खुलासा किया कि 2022 से अब तक 65,000 से अधिक लोगों को कुत्तों ने काटा है। यह आंकड़ा चौंकाने वाला है और शहरी इलाकों में इस संकट की गहराई को दर्शाता है। उद्योग मंत्री उदय सामंत ने ये जानकारी विधान परिषद में दी, जहां वे उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ओर से बोल रहे थे।

भाजपा के विधान परिषद सदस्य अमित गोरखे ने इस मुद्दे को उठाया, खासकर पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ जैसे शहरी क्षेत्रों में। मंत्री सामंत ने बताया कि 2022 में 16,569, 2023 में 22,945 और 2024 में अब तक 25,899 मामले दर्ज हुए हैं। इसका मतलब है कि साल दर साल ये घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे लोगों में डर और असुरक्षा का माहौल बनता जा रहा है।

इस बीच सरकार ने भी समस्या से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। 2023-24 में 57,852 और 2024-25 में 56,511 कुत्तों का बंध्याकरण किया गया। हालांकि, मंत्री ने यह भी माना कि यह संकट केवल शहरी नहीं बल्कि ग्रामीण इलाकों तक फैल चुका है। इस पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार के कानून, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और नियमों का पालन जरूरी बताया गया है।

राकांपा नेता इदरीस नाइकवाड़ी ने इस अभियान की निगरानी पर जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि बंध्याकरण के बाद कुत्तों पर टैग लगाए जाएं ताकि यह पता चल सके कि किस कुत्ते को पहले ही बंध्याकरण किया जा चुका है। इससे पारदर्शिता भी बढ़ेगी और दोहराव से बचा जा सकेगा।


पुणे और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. punevocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.