पुणे न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र के ठाणे ज़िले में एक निजी स्कूल में बच्चियों के मासिक धर्म की जांच के लिए उनके कपड़े उतरवाए जाने की घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बेहद सख्त रुख अपनाया है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मंत्री गिरीश महाजन ने विधानसभा में जानकारी दी कि इस शर्मनाक घटना की जांच शुरू हो चुकी है और मुख्यमंत्री स्वयं इसकी निगरानी कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता नाना पटोले और राकांपा-एसपी के जितेंद्र आव्हाड ने भी सदन में इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया। उन्होंने सवाल किया कि क्या महाराष्ट्र जैसे प्रगतिशील राज्य में ऐसी घटनाएं स्वीकार्य हैं? चौंकाने वाली बात ये है कि इस पूरे घटनाक्रम में शामिल स्कूल की प्रिंसिपल भी एक महिला हैं। पुलिस ने उन्हें और एक अन्य महिला कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया है, जो इस शर्मनाक हरकत में शामिल थीं।
घटना के बाद बच्चियों के माता-पिता में जबरदस्त गुस्सा देखा गया। बुधवार को उन्होंने स्कूल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और स्कूल प्रबंधन व जिम्मेदार शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। दूसरी ओर, मंत्री महाजन ने यह स्पष्ट किया कि पुलिस ने पहले ही जरूरी कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और अब सरकार भी इसे हल्के में नहीं ले रही।
पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, स्कूल के शौचालय में खून के धब्बे देखने के बाद यह जानने के लिए कि कौन-सी छात्रा को मासिक धर्म हो रहा है, कक्षा 5 से 10 तक की छात्राओं के कपड़े उतरवाए गए। इस अमानवीय हरकत को लेकर 8 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 74, 76 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।