पुणे न्यूज डेस्क: पुणे के बी.जे. गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज और ससून जनरल अस्पताल से एक गंभीर रैगिंग का मामला सामने आया है, जहां ऑर्थोपेडिक्स विभाग में एक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर के साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया. पीड़ित डॉक्टर ने कॉलेज डीन को इस घटना की लिखित शिकायत दी, जिसके बाद कॉलेज प्रशासन ने फौरन जांच शुरू की. मामले की गंभीरता को देखते हुए यह शिकायत मुख्यमंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्रालय तक भी पहुंचाई गई.
जांच के बाद सामने आया कि तीन जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर रैगिंग में शामिल थे. चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने बताया कि इन तीनों डॉक्टरों को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है. साथ ही, प्रत्येक पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. मंत्री ने यह भी बताया कि यह कार्रवाई सख्त संदेश देने के उद्देश्य से की गई है कि कॉलेज परिसर में इस तरह की घटनाओं के लिए कोई जगह नहीं है.
रैगिंग के इस मामले में सिर्फ छात्रों के खिलाफ ही नहीं, बल्कि जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गई है. ऑर्थोपेडिक्स विभाग के विभागाध्यक्ष को तत्काल प्रभाव से संस्थान से हटा दिया गया है. यह निर्णय इसलिए लिया गया ताकि भविष्य में विभाग में अनुशासन और जवाबदेही बनी रहे.
मंत्री मुश्रीफ ने यह भी स्पष्ट किया कि कॉलेज के डीन को निर्देश दिए गए हैं कि वे रैगिंग रोकने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाएं. इसके तहत छात्रों को जागरूक करने, निगरानी बढ़ाने और शिकायतों के निपटारे के लिए विशेष टीम बनाने जैसे उपाय शामिल होंगे. सरकार का कहना है कि छात्र हितों की सुरक्षा उसकी प्राथमिकता है और इस दिशा में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।