पुणे न्यूज डेस्क: पुणे में मंगलवार सुबह एक दर्दनाक हादसा होते-होते टल गया, जब चार साल की बच्ची तीसरी मंजिल की खिड़की की ग्रिल में फंसकर लटक गई। यह घटना तब हुई जब उसकी मां बड़ी बेटी को स्कूल बस तक छोड़ने के लिए बाहर गई थीं और छोटी बेटी गलती से घर में बंद रह गई थी। घर में अकेली बच्ची खेलते हुए खिड़की तक पहुंची और ग्रिल से नीचे की ओर लटक गई। इसी दौरान उसका सिर ग्रिल में फंस गया, जिससे वह फंसी रह गई।
सौभाग्य से उसी बिल्डिंग में रहने वाले एक फायर फाइटर की नजर ऊपर लटकती बच्ची पर पड़ी। उन्होंने तुरंत स्थिति की गंभीरता को समझा और तेजी से तीसरी मंजिल की ओर दौड़े। लेकिन दरवाजा बाहर से बंद था, इसलिए वे नीचे गए और बच्ची की मां को इस घटना की जानकारी दी। दोनों तुरंत ऊपर पहुंचे और समय रहते बच्ची को सुरक्षित बचा लिया। यह पूरी घटना पुणे के गुजर निंबालकरवाड़ी इलाके की सोनावणे बिल्डिंग में सुबह 9 बजे के आसपास हुई।
ऐसी ही एक घटना पिछले साल तमिलनाडु के अवादी शहर में सामने आई थी, जब आठ महीने की बच्ची चौथी मंजिल से गिर गई थी। सौभाग्य से वह दूसरी मंजिल के शेड पर आकर रुकी थी और काफी देर तक किनारे पर लटकी रही। इस बीच ग्राउंड फ्लोर पर खड़े पड़ोसियों ने चादर तानकर बच्ची को गिरने से बचाने की तैयारी कर ली थी।
तीन लोग भी तुरंत पहली मंजिल की खिड़की पर पहुंचे, जहां उनमें से एक शख्स खिड़की की रेलिंग पर चढ़ गया और बच्ची को सुरक्षित पकड़ लिया। इन दोनों घटनाओं ने दिखा दिया कि संकट के समय यदि हिम्मत और फुर्ती दिखाई जाए, तो बड़ी से बड़ी दुर्घटना को भी टाला जा सकता है।