ताजा खबर
जल्द भारत की सड़कों पर दौड़ेगी Tesla Model Y, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर टेस्टिंग के दौरान दिखी झलक   ||    मुंबई-पुणे के युवाओं को निशाना बना रही लॉरेंस बिश्नोई गैंग, सोशल मीडिया से बढ़ा रही नेटवर्क   ||    नेपाल में 1.76 किलो अवैध सोना और 18 किलो से ज्यादा चांदी रखने के आरोप में 9 भारतीय गिरफ्तार, ऐसे आए ...   ||    Iran-US Nuclear Talks: रोम में होगी ईरान-अमेरिका में दूसरे दौर की परमाणु वार्ता, जानें ब्यौरा   ||    Time Magazine की टॉप 100 लिस्ट में ट्रंप और यूनुस का नाम शामिल, नहीं मिली किसी भारतीय को जगह   ||    ईरान के पास भी अब होगा परमाणु बम! इन 9 देशों के पास पहले से ही है, जानें किसके पास कितनी संख्या   ||    अमेरिका और साउथ कोरिया की इस हरकत पर भड़का उत्तर कोरिया, दी जवाबी कार्रवाई की धमकी   ||    ट्रंप के खिलाफ कोर्ट पहुंचे भारतीय समेत 4 छात्र, जानें क्या है पूरा मामला   ||    Mahadev Betting App से लिंक पर क्या बोला EaseMyTrip? ईडी ने की थी छापेमारी   ||    वक्फ कानून के 3 प्रावधान कौनसे जिन पर छिड़ी बहस, आज सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई   ||   

पुणे संरक्षक मंत्री पद पर खींचतान, एनसीपी ने अपना दावा ठोका, फैसला जनवरी में संभव

Photo Source : News 18

Posted On:Thursday, December 26, 2024


पुणे न्यूज डेस्क: पुणे के संरक्षक मंत्री पद को लेकर राजनीतिक खींचतान जारी है। बुधवार को नागपुर में संवाददाता सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, हालांकि उन्होंने गढ़चिरौली और बीड जिलों में अपनी भूमिका के बारे में बात की। वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने साफ कर दिया है कि पुणे के संरक्षक मंत्री पद से पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है। एनसीपी प्रवक्ता संजय तटकरे ने कहा कि पुणे हमेशा पार्टी के लिए महत्वपूर्ण रहा है और पार्टी अध्यक्ष अजीत पवार को ही यह पद मिलना चाहिए।

एनसीपी नेताओं ने जोर देकर कहा कि अजीत पवार, जो उपमुख्यमंत्री भी हैं, पुणे के संरक्षक मंत्री पद के स्वाभाविक दावेदार हैं। योगेश बहल ने कहा कि उपमुख्यमंत्री के तौर पर अजीत पवार डीपीडीसी बैठकों में दूसरे स्थान पर रहेंगे, यह असंगत होगा। एनसीपी ने महायुति सरकार के तहत 2023 में हुए समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि पहले यह पद भाजपा के चंद्रकांत पाटिल के पास था, लेकिन समझौते के बाद इसे अजीत पवार को सौंपा गया।

भाजपा के नेता इस मुद्दे पर अलग राय रखते हैं। उनका कहना है कि पुणे जिले में भाजपा के नौ विधायक हैं, जो किसी भी अन्य दल से अधिक हैं। ऐसे में यह पद भाजपा को मिलना चाहिए। हालांकि, भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि यह निर्णय महायुति के तीनों दलों के शीर्ष नेता मिलकर लेंगे। उन्होंने इशारा दिया कि इस मामले में अंतिम फैसला अभी लंबित है।

एनसीपी ने यह भी कहा कि पुणे जिले के संरक्षक मंत्री का फैसला जनवरी के पहले सप्ताह में ही होने की संभावना है। संजय तटकरे ने कहा कि फिलहाल इस सप्ताह इस संबंध में कोई निर्णय होने की उम्मीद नहीं है। उन्होंने भरोसा जताया कि यह मसला बातचीत के जरिए सुलझाया जाएगा। इस बीच, एनसीपी नेताओं ने अजीत पवार की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि उनके पास यह जिम्मेदारी होनी चाहिए।

इस बीच, बीड के सांसद बजरंग सोनावणे ने मांग की है कि अजीत पवार बीड जिले का भी नेतृत्व करें और सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले में सख्त कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि एनसीपी के तीन विधायक होने के कारण बीड जिले में संरक्षक मंत्री पद का दावा अजीत पवार का होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि अजीत पवार को इस भूमिका में देखने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी।


पुणे और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. punevocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.