पुणे न्यूज डेस्क: पुणे के आर्मी लॉ कॉलेज में पिछले 11 दिनों से स्टूडेंट्स प्रिंसिपल और रजिस्ट्रार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्र अपने क्लासरूम का बहिष्कार कर रहे हैं, लेकिन पढ़ाई में रुकावट न आए, इसके लिए प्रोफेसर खुले में ही उन्हें पढ़ा रहे हैं। कॉलेज सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी (एसपीपीयू) से एफिलिएटेड है, और यूनिवर्सिटी ने पिछले गुरुवार को प्रिंसिपल से विरोध की स्थिति और समाधान पर रिपोर्ट मांगी है।
छात्रों का आरोप है कि प्रिंसिपल डॉ. मधुश्री जोशी और रजिस्ट्रार कर्नल सुनील मान के आने के बाद कॉलेज का माहौल बिगड़ गया है। फैकल्टी मेंबरों को उनकी विशेषज्ञता के बाहर के विषय पढ़ाने पड़ रहे हैं और अकादमिक टाइमटेबल बार-बार बिना पूर्व सूचना के बदल दिया जा रहा है। इसके अलावा, स्टूडेंट्स का कहना है कि उनकी मेंटल हेल्थ को प्रभावित करने वाली नीतियां लागू की जा रही हैं और छात्र काउंसिल को भंग कर दिया गया है।
छात्रों ने सोशल मीडिया पर भी विरोध जताया और कैंपस में मार्च करने के वीडियो साझा किए। कॉलेज के एक छात्र ने बताया कि सभी 377 स्टूडेंट्स प्रिंसिपल के खिलाफ हैं और प्रशासन का प्रिंसिपल का समर्थन समझ से बाहर है। उन्होंने कहा कि विरोध जारी रखने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि अगर वे रुक गए तो प्रिंसिपल उनसे बदला ले सकती हैं।
एसपीपीयू के प्रो वाइस चांसलर पराग कालकर ने बताया कि यूनिवर्सिटी को पिछले हफ्ते इस मामले की जानकारी दी गई थी। उन्होंने प्रिंसिपल को लेटर भेजकर मामले को सुलझाने के लिए कहा है और रिपोर्ट मिलने के बाद यूनिवर्सिटी एक्ट के अनुसार उचित कदम उठाया जाएगा। प्रिंसिपल डॉ. जोशी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को पहले गलत बताया था और कहा कि विरोध की कोई आवश्यकता नहीं थी क्योंकि उनका ऑफिस हमेशा चर्चा के लिए खुला रहता है।