पुणे न्यूज डेस्क: पुणे में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का नाम लेकर लगाए गए बैनरों ने एक नई बहस छेड़ दी है। शहर के पाषाण इलाके में स्थानीय कार्यकर्ता समीर उत्तरकर के नाम से लगाए गए इन बैनरों में हजारे से ‘वोट चोरी’ के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करने की अपील की गई। बैनरों पर लिखा गया, “अन्ना, अब तो जाग जाओ। कुंभकर्ण भी रावण और लंका के लिए नींद से उठ गया था, तो आप देश के लिए क्यों नहीं उठते?” इस संदेश में यह भी कहा गया कि लोग जंतर-मंतर पर अन्ना हजारे का फिर से जादू देखना चाहते हैं।
इन बैनरों पर प्रतिक्रिया देते हुए अन्ना हजारे ने निराशा जताई और कहा कि उन्होंने अपने हिस्से का काम पूरा कर लिया है। उन्होंने कहा, “मैंने 10 कानून बनवाए हैं, लेकिन अगर 90 साल की उम्र में भी लोग मुझसे ही उम्मीद करते हैं, जबकि वे खुद कुछ नहीं करते, तो यह सही नहीं है। अब समय आ गया है कि युवा इस जिम्मेदारी को उठाएं।”
अन्ना हजारे ने लोगों को याद दिलाया कि उनके नेतृत्व में हुए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन ने देश को सूचना का अधिकार अधिनियम, जन लोकपाल विधेयक जैसे बड़े कानून दिए। साथ ही, उनके गांव रालेगण सिद्धि में भी सुधार हुए। उन्होंने यह भी कहा कि युवाओं का केवल स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा थामना ही काफी नहीं है, बल्कि उन्हें सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर सक्रिय भूमिका निभानी होगी।
उन्होंने खेद जताया कि इतने वर्षों के संघर्ष के बाद भी समाज पूरी तरह से नहीं जाग पाया है। अन्ना ने युवाओं से गांधीवादी विचारों को अपनाने और भ्रष्टाचार समेत अन्य मुद्दों पर आवाज उठाने की अपील की। उन्होंने साफ कहा कि केवल उंगलियां उठाने से कुछ हासिल नहीं होगा, बल्कि हर नागरिक को अपने कर्तव्यों को समझकर जिम्मेदारी निभानी होगी।