पुणे न्यूज डेस्क: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किए के पाकिस्तान के समर्थन का असर अब उस पर भारी पड़ता नजर आ रहा है. भारत में 'बॉयकॉट तुर्किए' कैंपेन ने जोर पकड़ लिया है और कई व्यापारिक संगठनों ने उसके साथ ट्रेड स्ट्राइक शुरू कर दी है. महाराष्ट्र से लेकर राजस्थान तक व्यापारियों ने तुर्किए से आने वाले सामान का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है. सिर्फ व्यापारी ही नहीं, बल्कि टूरिस्ट भी इस अभियान का हिस्सा बन गए हैं.
पुणे में तुर्किए के सेबों का बहिष्कार
तुर्किए को आर्थिक मोर्चे पर घेरते हुए पुणे के व्यापारियों ने वहां से आने वाले सेब मंगाना पूरी तरह से बंद कर दिया है. लोकल बाजार से तुर्किए के सेब पूरी तरह गायब हो गए हैं और ग्राहक भी इन्हें खरीदने से साफ इनकार कर रहे हैं. पुणे के फलों के बाजार में तुर्किए के सेबों का सालाना कारोबार करीब 1000 से 1200 करोड़ रुपये का होता है, जो अब पूरी तरह रुक गया है. एक स्थानीय व्यापारी ने बताया कि उन्होंने देशभक्ति की भावना और सरकार के समर्थन में ये कदम उठाया है.
मार्बल का आयात भी रुका
राजस्थान के उदयपुर में भी तुर्किए से आने वाले मार्बल का आयात पूरी तरह से रोक दिया गया है. उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स कमेटी के अध्यक्ष कपिल सुराना ने कहा कि सभी सदस्यों ने एकमत होकर ये फैसला लिया है कि जब तक तुर्किए पाकिस्तान का साथ देता रहेगा, तब तक उससे कोई कारोबार नहीं करेंगे. भारत में इस्तेमाल होने वाले कुल मार्बल का करीब 70 प्रतिशत हिस्सा तुर्किए से आता है, इसलिए ये फैसला काफी अहम माना जा रहा है.
पर्यटकों का भी बहिष्कार
सोशल मीडिया पर तुर्किए के पर्यटन विभाग का एक लेटर वायरल हो रहा है, जिसमें भारतीय पर्यटकों का भी जिक्र है. हर साल करीब 3 लाख से ज्यादा भारतीय पर्यटक तुर्किए घूमने जाते हैं, जो वहां की अर्थव्यवस्था का एक अहम हिस्सा हैं. लेकिन अब इस बहिष्कार अभियान के बाद तुर्किए को लगभग 291.6 मिलियन डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है.