पुणे न्यूज डेस्क: इस वर्ष पुणे के बार अब मुंबई में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामलों ने लोगों की सेहत को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। बीएमसी के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, चिकनगुनिया के मामलों में इस साल अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। 2022 में केवल 22 मामले थे, वहीं 2023 में यह संख्या 250 तक पहुंची। 2024 में जनवरी से अक्टूबर तक 578 लोग इस बीमारी से संक्रमित हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 230% अधिक है।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, मुंबई में इस साल ज्यादा बारिश हुई, जिससे मच्छरों के पनपने के लिए उपयुक्त स्थितियां बनीं। निर्माण कार्यों और खुले पानी के जमा होने से मच्छरों के ब्रीडिंग स्पॉट बने, जिससे चिकनगुनिया के मामलों में वृद्धि हुई। हालांकि, बीएमसी के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दक्षा शाह से इस मामले पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं मिला।
चिकनगुनिया एक वायरल बीमारी है, जो मुख्य रूप से एडीज मच्छरों द्वारा फैलती है। यह मच्छर दिन के समय सक्रिय होते हैं और संक्रमित व्यक्ति के खून को चूसकर दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं। इसके लक्षणों में बुखार, जोड़ों में तेज दर्द, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, रैशेज और थकावट शामिल हैं।
सेंट जॉर्ज अस्पताल के डॉ. विनायक सावर्डेकर ने बताया कि इस बार चिकनगुनिया के कई मामले ओपीडी में आए हैं, और लगभग 50 फीसदी मरीजों को भर्ती करना पड़ा है। उन्होंने जोड़ों में दर्द और वायरल फीवर के लक्षणों का भी जिक्र किया। वहीं, वॉकहार्ट अस्पताल के डॉ. बेहराम पार्डीवाला ने बताया कि इस साल चिकनगुनिया से बहुत लोग प्रभावित हुए हैं, और युवाओं को रिकवरी में 10-12 दिन लग रहे हैं, जबकि बुजुर्गों को अधिक समय लगता है।
नागपुर और पुणे के बाद, मुंबई में चिकनगुनिया के सबसे अधिक मामले पाए गए हैं। अक्टूबर तक नागपुर में 1199, पुणे में 705 और मुंबई में 578 मामले रिपोर्ट हुए हैं। इसके अलावा, राज्य में 2022 में 1087, 2023 में 1702 और 2024 में 4792 लोग इस बीमारी से प्रभावित हुए हैं, जो साल दर साल बढ़ते जा रहे हैं।