ताजा खबर
“स्वदेशी हथियारों से हुई थी Operation Sindoor में जीत”, वायु सेना दिवस पर बोले एयर चीफ मार्शल   ||    Nobel Prize 2025: सुसुमु, रिचर्ड और एम याघी को मिला केमिस्ट्री में नोबेल प्राइज, क्या है वो खोज जिसन...   ||    IMD Weather Update:अक्टूबर में पड़ेगी जबरदस्त ठंड, 15 किमी की गति से चलेंगी हवाएं, पहाड़ों पर बर्फबा...   ||    कर्नाटक में BJP नेता की पीट-पीटकर हत्या, पुलिस ने बताई ये वजह   ||    IPS पूरन कुमार सुसाइड में बड़ा खुलासा, 10 आईपीएस अधिकारियों पर गंभीर आरोप   ||    PM Kisan 21th Installment Date: किसानों को दिवाली से पहले मिलेगी किस्त, वितरण शुरू   ||    ‘रूस इस साल यूक्रेन की 5000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कर चुका कब्जा’, राष्ट्रपति पुतिन का बड़ा दावा   ||    अफगान सीमा के पास पाकिस्तानी सेना पर बड़ा हमला, 11 की मौत, TPP ने ली जिम्मेदारी   ||    ट्रंप ने पाकिस्तान को दिया एक और तोहफा! AIM-120 मिसाइलें देने के लिए तैयार हुआ अमेरिका   ||    क्या कनाडा बन जाएगा अमेरिका का 51वां राज्य? ट्रंप और पीएम मार्क कार्नी के बीच मुलाकात में मिले अहम स...   ||   

सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी के आदेश पर लगाई रोक

Photo Source : Google

Posted On:Thursday, September 12, 2024


पुणे न्यूज डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें पुणे में गणपति विसर्जन और उत्सव के दौरान ढोल-ताशा समूह में शामिल लोगों की संख्या 30 तक सीमित की गई थी। इसका मतलब है कि अब ढोल-ताशा समूह में 30 से अधिक लोग शामिल हो सकेंगे। एनजीटी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट की रोक से ढोल-ताशा समूहों को राहत मिली है और वे अब पहले की तरह अपने कार्यक्रम आयोजित कर सकेंगे।

सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल हैं, ने पुणे के 'ढोल-ताशा' समूह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया है। यह याचिका एनजीटी के उस आदेश के खिलाफ दायर की गई है जिसमें गणपति विसर्जन और उत्सव के दौरान ढोल-ताशा समूह में लोगों की संख्या 30 तक सीमित की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य प्राधिकारियों को नोटिस जारी कर दिया है और दोपहर दो बजे सुनवाई करने का निर्णय लिया है।

वकील अमित पई ने बताया कि पुणे में 'ढोल-ताशा' की परंपरा एक सदी से अधिक पुरानी है और इसकी शुरुआत महान स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने की थी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के 30 अगस्त के आदेश से ऐसे सांस्कृतिक समूहों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जो गणपति उत्सव के दौरान ढोल-ताशा का आयोजन करते हैं।

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा, "हम नोटिस जारी कर रहे हैं। अगली सुनवाई तक एनजीटी के निर्देश संख्या 4 (ढोल-ताशा समूहों में व्यक्तियों की संख्या पर) के क्रियान्वयन पर रोक रहेगी। उन्हें अपना 'ढोल ताशा' करने दें। यह पुणे का दिल है।" इसका मतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने ढोल-ताशा समूहों पर लगाई गई पाबंदी को अगली सुनवाई तक के लिए हटा दिया है और उन्हें अपने कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी है।

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए गणपति उत्सव के दौरान ढोल-ताशा बजाने वाले समूहों में लोगों की संख्या 30 तक सीमित कर दी थी। इसके अलावा, एनजीटी ने पुणे पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि प्रत्येक समूह में लोगों की संख्या 30 से अधिक न हो। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अब इस आदेश पर रोक लगा दी है और ढोल-ताशा समूहों को अपने कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दे दी है।


पुणे और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. punevocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.