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शरद पवार ने मराठी भाषा के संरक्षण के लिए की अपील, पुणे में हिंदी के बढ़ते प्रभाव पर जताई चिंता

Photo Source : The Indian Express

Posted On:Tuesday, January 14, 2025

पुणे न्यूज डेस्क: एनसीपी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र के कई शहरों में मराठी भाषा के कम होते इस्तेमाल पर चिंता जताई है। पुणे में आयोजित अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में उन्होंने कहा कि मराठी को बचाने के लिए इसे अनिवार्य बनाना जरूरी है। पवार ने यह भी बताया कि पुणे और उसके आसपास के इलाकों में हिंदी बोलने का दबाव बढ़ रहा है, जबकि मराठी भाषा का इस्तेमाल कम हो रहा है।

शरद पवार ने अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए कहा कि सदशिवराव पेशवा के दिल्ली पर काबिज़ होने के बाद कई मराठी लोग दिल्ली में बस गए थे, और आज भी उनके वंशजों के घरों में छत्रपति शिवाजी महाराज की तस्वीरें देखने को मिलती हैं। पवार ने इस उदाहरण के जरिए बताया कि मराठी संस्कृति और गौरव अब भी संरक्षित है, लेकिन अब पुणे और इसके उपनगरों में मराठी भाषा का उपयोग कम हो रहा है, और लोग हिंदी बोलने की ओर बढ़ रहे हैं।

उन्होंने बताया कि मराठी भाषा के संरक्षण के लिए इसे अनिवार्य बनाना आवश्यक है। पवार ने साहित्यकारों और लेखकों से अपील की कि वे महाराष्ट्र की समस्याओं पर लिखें और अपने लेखन के माध्यम से इस संकट को दूर करने में मदद करें। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र मुश्किल दौर से गुजर रहा है, लेकिन जल्द ही यह अपनी पुरानी स्थिति में वापस लौटेगा।

इस कार्यक्रम में कई प्रमुख व्यक्ति भी मौजूद थे, जिनमें महाराष्ट्र साहित्य परिषद के अध्यक्ष डॉ. रावसाहेब कसबे, न्यास मंडल के अध्यक्ष डॉ. शिवाजीराव कदम, कार्यकारी अध्यक्ष प्रोफेसर मिलिंद जोशी और अन्य प्रमुख गणमान्य व्यक्ति शामिल थे। शरद पवार ने इस मंच से मराठी भाषा के महत्व को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त की और इसे बचाने के उपायों पर भी जोर दिया।


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