पुणे न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के पर्वतीय और धार्मिक स्थलों तक लोगों की पहुंच आसान बनाने के लिए 45 स्थानों पर रोपवे परियोजना शुरू करने का फैसला किया है। इस योजना के तहत, 16 रोपवे का निर्माण राज्य सरकार खुद करेगी, जबकि बाकी 29 स्थानों पर नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट (NHLML) द्वारा काम किया जाएगा। बताया जा रहा है कि यह परियोजना केंद्र सरकार की पर्वतमाला योजना के तहत शुरू की जा रही है, जिसका उद्देश्य पहाड़ी इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा देना है।
पुणे और उसके आसपास के इलाकों में कुल 8 स्थानों पर रोपवे बनाए जाने की योजना है, जिनमें खंडोबा (नीमगांव), भीमाशंकर, शिवनेरी, लेनयाद्री, दर्या घाट, सिंहगढ़, जेजुरी और राजगढ़ शामिल हैं। इनमें से तीन स्थान जुन्नार तालुका में, दो खेड तालुका में, और बाकी पुणे, पुरंदर और वेल्हा तालुका में स्थित हैं। ये रोपवे किलों और धार्मिक स्थलों तक पहुंचने के लिए बनाए जाएंगे, जिससे पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है।
परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर दो संभावित विकल्प दिए गए हैं। यदि प्रस्तावित स्थान पर लोक निर्माण विभाग (PWD) की जमीन है, तो उसे 30 साल के लिए NHLML को लीज पर दिया जाएगा। वहीं, यदि जमीन सरकारी या निजी स्वामित्व वाली है, तो पहले PWD उसका अधिग्रहण करेगा और फिर NHLML को सौंपेगा। इससे परियोजना के लिए आवश्यक भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा करने में मदद मिलेगी।
पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ यह रोपवे परियोजना स्थानीय अर्थव्यवस्था के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। पहाड़ी इलाकों में सुविधाएं बेहतर होने से अधिक पर्यटक आकर्षित होंगे, जिससे स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, इन परियोजनाओं के माध्यम से क्षेत्र के सर्वांगीण विकास को भी बल मिलेगा, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार और नई आर्थिक संभावनाएं मिलेंगी।