पुणे न्यूज डेस्क: कर्नाटक के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है, क्योंकि राज्य को जल्द ही दो ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे मिलने वाले हैं। ये दोनों प्रोजेक्ट न केवल कर्नाटक के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगे, बल्कि लोगों को यातायात जाम से राहत भी दिलाएंगे। साथ ही, इनसे सफर का समय कम हो जाएगा, जिससे पुणे से बेंगलुरु तक की यात्रा मात्र 7 घंटे में पूरी की जा सकेगी। इस जानकारी को केंद्रीय रेल राज्य मंत्री वी. सोमन्ना ने साझा किया।
रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक में कनेक्टिविटी बढ़ाने और परिवहन को सुगम बनाने के लिए हसन से हिरियूर तक 114 किलोमीटर लंबे हिस्से का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना पर लगभग 4500 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है। इसके साथ ही, 700 किलोमीटर लंबे पुणे-बेंगलुरु ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का भी निर्माण होगा, जिसकी लागत करीब 55,000 करोड़ रुपये आंकी गई है।
पुणे-बेंगलुरु ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे कुल 12 जिलों से होकर गुजरेगा, जिसमें 9 जिले कर्नाटक के और 3 जिले महाराष्ट्र के होंगे। कर्नाटक में यह एक्सप्रेसवे चित्रदुर्ग, मधुगिरी, डोड्डाबल्लापुर और नेलमंगला जैसे स्थानों से होकर गुजरेगा। वहीं, महाराष्ट्र में सांगली, सतारा और पुणे जैसे जिले इसके दायरे में आएंगे। इस परियोजना से एक राज्य से दूसरे राज्य की यात्रा आसान हो जाएगी और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
8 लेन वाले इस एक्सप्रेसवे के महाराष्ट्र खंड को पर्यावरण मंजूरी मिल चुकी है। इससे परियोजना को कैबिनेट से स्वीकृति मिलने का रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस परियोजना की घोषणा सबसे पहले 2018 में की थी। एक्सप्रेसवे पूरा होने के बाद, पुणे आउटर रिंग रोड से बेंगलुरु तक की दूरी सिर्फ 7 घंटे में पूरी की जा सकेगी।
इसके अलावा, कर्नाटक के लिए एक और बड़ी परियोजना प्रस्तावित है। हसन-हुलियार-हिरियूर सड़क परियोजना एनएचएआई की भारतमाला परियोजना का हिस्सा है। यह सड़क मार्ग हसन से शुरू होकर चित्रदुर्ग जिले के हिरियूर में समाप्त होगा। 70 मीटर चौड़ी और 4 लेन वाली इस सड़क से न केवल ट्रैफिक कम होगा, बल्कि स्थानीय लोगों को भी काफी सहूलियत मिलेगी।