पुणे न्यूज डेस्क: LGBTQ+ समुदाय के अधिकारों को लेकर देश में लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी गई, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले ने एक नई राह दिखाई। बावजूद इसके, समाज में इस समुदाय को अब भी बराबरी का दर्जा नहीं मिल पाया है। लोगों को जागरूक करने के लिए समय-समय पर देशभर में रैलियां और परेड आयोजित की जाती हैं। इस बार पुणे में होने जा रही है ‘प्राइड परेड’, जो 8 जून 2025 को आयोजित होगी और इस बार ये आयोजन एक खास वजह से सुर्खियों में है।
पुणे की डिस्ट्रिक्ट जज सोनल एस पाटिल न केवल इस प्राइड मार्च में हिस्सा लेंगी, बल्कि उसकी अगुआई भी करेंगी। ‘पुणे प्राइड 2025’ युतक चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से आयोजित किया जा रहा है, और इस मार्च में पाटिल को-ग्रैंड मार्शल के रूप में शामिल होंगी। उनके इस फैसले ने सभी को चौंकाया है और इस कदम की चारों ओर चर्चा हो रही है। जज पाटिल का कहना है कि वह LGBTQ+ समुदाय की बराबरी और समावेशिता के लिए खड़ी हैं, और मानती हैं कि जब कोई खुद को स्वीकार किया हुआ महसूस करता है, तो उसका आत्मविश्वास और योगदान दोनों बढ़ता है।
जज पाटिल का न्यायपालिका में 15 साल से ज्यादा का अनुभव रहा है। वह महाराष्ट्र के कई ज़िलों में न्यायिक सेवाओं में काम कर चुकी हैं। 2019 में उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट में डिप्टी रजिस्ट्रार बनाया गया, फिर सुप्रीम कोर्ट में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी नियुक्त किया गया। 2023 से वे पुणे DLSA की सचिव हैं और वर्तमान में साइबर लॉ में पीएचडी भी कर रही हैं। LGBTQ+ समुदाय को समर्थन देने के पीछे उनका नजरिया सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि ठोस सामाजिक कामों से जुड़ा हुआ है — जैसे ‘न्याय संहिता प्रोजेक्ट’, जो हाशिए पर खड़े लोगों को कानून और सरकारी योजनाओं की जानकारी दिलाने का काम करता है।
उनके नेतृत्व में राष्ट्रीय लोक अदालतों के ज़रिए अब तक 7.26 लाख से अधिक मामलों का निपटारा किया गया है, जिनमें करीब 2,698 करोड़ रुपये की राशि सेटल हुई है। DLSA की तरफ से LGBTQ+ समुदाय को फ्री लीगल एड, काउंसलिंग, और कानूनी अधिकारों पर जागरूकता जैसे प्रयास किए जा रहे हैं। जज पाटिल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के नवतेज सिंह जौहर केस में साफ कहा गया है कि LGBTQ+ समुदाय को भेदभाव से सुरक्षा का अधिकार है। उनका ये कदम सिर्फ एक परेड में भाग लेना नहीं, बल्कि समाज को यह संदेश देना है कि हर व्यक्ति बराबरी के हक़दार हैं — और न्यायपालिका इस लड़ाई में उनके साथ है।