पुणे न्यूज डेस्क: भाविश अग्रवाल की अगुवाई वाली ओला इलेक्ट्रिक को महाराष्ट्र सरकार के कड़े रुख का सामना करना पड़ रहा है। खबरों के मुताबिक, कंपनी द्वारा नियमों के उल्लंघन के आरोपों के बाद राज्य सरकार ने जांच तेज कर दी है। मुंबई और पुणे के पांच रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (RTO) ने ओला इलेक्ट्रिक के 26 स्कूटर्स के ट्रेड सर्टिफिकेट की जांच की, जिसके बाद कुल 36 स्कूटर्स को जब्त कर लिया गया। मंगलवार तक मुंबई में 10 ओला इलेक्ट्रिक स्टोर्स का निरीक्षण किया गया, जहां से 10 स्कूटर्स जब्त किए गए। यह कार्रवाई गुरुग्राम की फर्म प्रीतपाल सिंह एंड एसोसिएट्स द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद की गई है।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि ओला इलेक्ट्रिक सिंगल ट्रेड सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करके महाराष्ट्र में शोरूम, स्टोर और सर्विस सेंटर चला रही है, जो नियमों का उल्लंघन है। एनडीटीवी प्रॉफिट की रिपोर्ट के मुताबिक, डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर रवि गायकवाड़ द्वारा साइन की गई निरीक्षण रिपोर्ट में इन आरोपों की पुष्टि हुई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने तुरंत कार्रवाई का आदेश दिया और पूरी रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। इसके बाद मुंबई के चार RTO और पुणे के एक RTO ने कंपनी के स्टोर्स का निरीक्षण किया।
केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 33 के तहत, वाहन निर्माताओं और वितरकों को ट्रेड सर्टिफिकेट प्राप्त करना जरूरी होता है। वहीं, नियम 35 के अनुसार, हर शोरूम और डीलरशिप के लिए अलग बिजनेस सर्टिफिकेट लेना आवश्यक है। ओला इलेक्ट्रिक पर इन नियमों के उल्लंघन के आरोप लगे हैं। इसके अलावा, कंपनी के बिक्री आंकड़ों को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। ओला ने फरवरी में 25,000 स्कूटर बेचने का दावा किया था, लेकिन वास्तविक तौर पर केवल एक-तिहाई स्कूटर्स ही पंजीकृत हुए हैं।
इतना ही नहीं, ओला इलेक्ट्रिक को वित्तीय मोर्चे पर भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले सप्ताह, रोसमेर्टा डिजिटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और रोसमेर्टा सेफ्टी सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड ने ओला इलेक्ट्रिक की सहायक कंपनी के खिलाफ दिवालियापन की कार्यवाही शुरू करने की योजना बनाई थी। इन कंपनियों का कहना है कि ओला पर लगभग 25 करोड़ रुपये का बकाया है, जो हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट और वाहन पंजीकरण से जुड़ी सेवाओं के लिए चुकाया जाना था। इन सब विवादों के चलते ओला इलेक्ट्रिक की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।