पुणे न्यूज डेस्क: इन्फोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने जलवायु परिवर्तन को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए तो भारत के कई हिस्से रहने के लायक नहीं रहेंगे। उनका कहना था कि अगर इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया गया तो बेंगलुरु, पुणे और हैदराबाद जैसे शहरों पर भी अधिक बोझ पड़ेगा, और ये भी रहने के लिए उपयुक्त नहीं रह जाएंगे।
पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान मूर्ति ने कहा कि तापमान और मौसम में हो रहे बदलावों पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है। इसके परिणामस्वरूप, बेंगलुरु, पुणे और हैदराबाद जैसे शहरों में बड़ी संख्या में लोग आकर बसने लगेंगे। यह पलायन उन शहरों से होगा जो जलवायु परिवर्तन के कारण अब रहने लायक नहीं रहेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि पहले से ही इन शहरों में ट्रैफिक और प्रदूषण के कारण रहना मुश्किल होता जा रहा है। ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ग्लोबल सिटीज इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु भारत के अन्य शहरों से अधिक रैंक पर था, लेकिन वैश्विक स्तर पर इसकी रैंकिंग 411वें स्थान पर थी, जबकि मुंबई और दिल्ली की रैंकिंग क्रमशः 427 और 350 थी।
नारायण मूर्ति ने भारत के कॉर्पोरेट क्षेत्र से अपील की कि वह राजनेताओं और नौकरशाहों के साथ मिलकर इस समस्या का समाधान निकालने के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि यदि हम यह सुनिश्चित नहीं कर पाए तो बड़ी संख्या में लोग पलायन करेंगे, जो एक बहुत बड़ी चुनौती होगी।
मूर्ति ने यह भी भविष्यवाणी की कि आने वाले 20-25 वर्षों में भारत के कुछ स्थानों पर तापमान वृद्धि के कारण जीवन यापन मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत और कुछ अफ्रीकी देशों को इस बदलाव के प्रति खासतौर पर सचेत रहना होगा, क्योंकि ये देश तापमान वृद्धि के मामले में सबसे अधिक संवेदनशील हैं।