पुणे न्यूज डेस्क: यह कहानी सोशल मीडिया पर फैलाए जाने वाले हिन्दू-मुस्लिम मतभेदों से एकदम अलग है और इंसानियत की मिसाल पेश करती है। पुणे के वानवोरी इलाके में दो अलग-अलग धर्मों के दो जोड़ों की शादी एक ही हॉल में एक ही वक्त पर हुई और वो भी एक-दूसरे की मदद से। यह नजारा बताता है कि असल ज़िंदगी में इंसानियत और भाईचारे की अहमियत कितनी ज्यादा है, जो सोशल मीडिया की बहसों से कहीं ऊपर है।
मामला कुछ यूं था कि मंगलवार की शाम एक मुस्लिम परिवार का ‘वलीमा’ समारोह हॉल में चल रहा था। ठीक उसी वक्त पास के अलंकरण लॉन में एक हिंदू जोड़ा—संस्कृति कवाडे पाटिल और नरेंद्र गलांडे पाटिल—शादी के पवित्र बंधन में बंधने जा रहा था। लेकिन जैसे ही उनकी रस्में शुरू होने वाली थीं, तेज बारिश ने सब गड़बड़ा दिया। शादी की तैयारियों में अफरातफरी मच गई।
हालात देखते हुए गलांडे पाटिल परिवार ने नज़दीक वाले हॉल में चल रहे मुस्लिम कार्यक्रम में मदद की गुहार लगाई। उन्होंने काजी परिवार से थोड़ी देर के लिए हॉल का इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी ताकि ‘सप्तपदी’ की रस्म पूरी की जा सके। बिना देर किए मुस्लिम परिवार ने न सिर्फ इजाज़त दी बल्कि स्टेज भी खाली करवा दिया और उनके मेहमानों ने भी रस्मों की तैयारियों में हाथ बंटाया।
सबसे खास बात यह रही कि दोनों परिवारों ने एक-दूसरे की परंपराओं का सम्मान करते हुए समारोह को पूरा किया। हिंदू जोड़े की शादी के बाद दोनों परिवारों और मेहमानों ने साथ बैठकर खाना खाया। नवविवाहित मुस्लिम जोड़ा—माहीन और मोहसिन काजी—ने भी नरेंद्र और संस्कृति के साथ स्टेज पर तस्वीरें खिंचवाईं। यह पूरी घटना मानवीय रिश्तों की गर्माहट और सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बन गई।