पुणे न्यूज डेस्क: भारतीय वायुसेना और सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा (AFMS) ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश की है। 18 जून की रात एक जीवन रक्षक मिशन के तहत पुणे के कमांड अस्पताल से दिल्ली के आर्मी हॉस्पिटल (रिसर्च एंड रेफरल) तक अंगों को सुरक्षित और तेज़ी से पहुंचाया गया। इस मिशन में एक लिवर और दो किडनियां शामिल थीं, जिन्हें एक ब्रेन-डेड सैनिक के परिजन ने दान किया था।
इस बेहद संवेदनशील ऑपरेशन को रातोंरात अंजाम दिया गया। भारतीय वायुसेना के विशेष ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की मदद से अंगों को पुणे से दिल्ली तक कम समय में पहुंचाया गया, जिससे ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया समय पर पूरी हो सकी। यह मिशन कई ज़िंदगियों को नया जीवन देने का माध्यम बना।
इस संयुक्त अभियान की अगुवाई भारतीय वायुसेना और AFMS ने मिलकर की। इस प्रयास ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि देश की सेनाएं केवल सीमाओं की रक्षा तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर हर मोर्चे पर नागरिकों के लिए खड़ी रहती हैं। यह मिशन ‘सेवा से परे सेवा’ (Service Beyond Self) के सिद्धांत का बेहतरीन उदाहरण है।
मानवीय सहायता में सेना की भूमिका हर बार प्रेरणादायक रही है। चाहे आपदा हो या मेडिकल इमरजेंसी, भारतीय सशस्त्र बल हर बार तत्पर दिखाई देते हैं। यह ऑपरेशन न सिर्फ तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण था, बल्कि सेवा भावना और संवेदनशीलता का भी परिचायक रहा। इससे यह संदेश भी गया कि देश की रक्षा करने वाले सैनिक ज़रूरत पड़ने पर देशवासियों को जीवनदान भी दे सकते हैं।