पुणे न्यूज डेस्क: IIT बॉम्बे और पुणे स्थित कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग (CME) के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा नया मॉड्यूलर बंकर तैयार किया है, जिसे लेगो ब्लॉक्स की तरह जोड़ा जा सकता है। खास बात यह है कि ये बंकर इतने मजबूत हैं कि मिसाइल और तोप के हमलों को भी आसानी से झेल सकते हैं। इस प्रोजेक्ट को तैयार करने में करीब 9 साल का वक्त लगा है और इसके पीछे का मकसद सैनिकों को सीमावर्ती इलाकों में बेहतर सुरक्षा देना है।
इस बंकर की सबसे बड़ी खूबी ये है कि इसे बनाने में किसी भारी मशीनरी जैसे क्रेन या कंक्रीट मिक्सर की जरूरत नहीं पड़ती। बस एक छोटी टीम के सैनिकों की जरूरत होती है, जो हाथ से इन ब्लॉक्स को उठाकर सही जगह पर फिट कर दें। हर ब्लॉक का वजन 20 किलो से कम होता है, जिससे ये ऊबड़-खाबड़ इलाकों में भी आसानी से लगाया जा सकता है। घुमावदार छतें इसे और भी मजबूत बनाती हैं, जो सीधे हमलों को झेलने के साथ-साथ उन्हें भटका भी सकती हैं।
IIT बॉम्बे के प्रोफेसर मनीष कुमार, जिन्होंने इस शोध का नेतृत्व किया, बताते हैं कि ये घुमावदार छतें सामान्य छतों की तुलना में पांच गुना ज्यादा ताकतवर होती हैं। पारंपरिक बंकरों की तुलना में इन मॉड्यूलर शेल्टरों की दीवारें बहुत पतली हैं, फिर भी सुरक्षा में कोई कमी नहीं आती। बल्कि ये नए बंकर ड्रोन और आधुनिक हथियारों से होने वाले हमलों को रोकने में ज्यादा असरदार हैं।
इस तकनीक का हाल ही में पुणे के अहिल्यानगर स्थित मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री सेंटर एंड स्कूल (MICS) में फील्ड ट्रायल किया गया। नतीजे चौंकाने वाले रहे—इन बंकरों ने पारंपरिक शेल्टरों से बेहतर प्रदर्शन किया। एक अधिकारी के मुताबिक, इन बंकरों की दीवारें 600 मिमी की जगह सिर्फ एक चौथाई मोटाई में भी पर्याप्त सुरक्षा देती हैं और मिसाइल हमलों, तोपों और हवाई धमाकों को सहने में सक्षम हैं। सबसे अच्छी बात, इन्हें 2 से 3 दिन में तैयार किया जा सकता है, जबकि पारंपरिक बंकरों को बनाने में हफ्ता भर लग जाता है।