पुणे न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। अब तक 225 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 197 की पुष्टि हो चुकी है और 28 संदिग्ध हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, इस बीमारी से 12 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से 6 मामले कंफर्म और 6 संदिग्ध हैं। राहत की बात यह है कि 179 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं, लेकिन 24 मरीज अभी भी ICU में हैं, जिनमें से 15 वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं।
पुणे और आसपास के इलाकों में ये बीमारी तेजी से फैल रही है, जिसमें पिंपरी चिंचवाड़, पुणे ग्रामीण और अन्य जिले शामिल हैं। इस दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर की वजह से मांसपेशियों में कमजोरी और लकवा जैसी समस्या हो सकती है, जो आमतौर पर संक्रमण के बाद सामने आती है। स्थिति पर काबू पाने के लिए राज्य स्तरीय रैपिड एक्शन टीम प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रही है। पानी के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं, जिनमें से 144 नमूनों में प्रदूषण पाया गया है।
सरकार ने बीमारी को फैलने से रोकने के लिए सार्वजनिक जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है। अब तक करीब 90 हजार घरों की जांच की जा चुकी है। साथ ही, बीमारी की तह तक जाने के लिए 82 सीरम सैंपल बेंगलुरु के NIMHANS को भेजे गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने निजी डॉक्टरों से भी सहयोग की अपील की है ताकि किसी भी संदिग्ध मामले की तुरंत जानकारी दी जा सके। सरकार अस्पतालों के साथ मिलकर उपचार और संसाधन सुनिश्चित करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है।