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हिंजेवाड़ी आईटी पार्क में बाढ़ की बड़ी वजह बना इंसानी अतिक्रमण, पीएमआरडीए की रिपोर्ट में खुलासा

Photo Source : Google

Posted On:Tuesday, June 24, 2025

पुणे न्यूज डेस्क: हिंजेवाड़ी में बार-बार आने वाली बाढ़ अब एक गंभीर समस्या बन चुकी है, और इसकी वजह प्राकृतिक नहीं बल्कि इंसानी लापरवाहियां हैं। हाल में हुई भारी बारिश के बाद जब आईटी पार्क के कई हिस्सों में जलभराव हुआ, तब पीएमआरडीए ने जांच की और पाया कि कुल 15 ऐसे पॉइंट हैं जहां नालों पर अवैध निर्माण कर दिए गए हैं। इन अतिक्रमणों की वजह से पानी का प्राकृतिक बहाव रुक गया है। चेतावनी के बाद दो लोगों ने अपने-अपने अवैध निर्माण खुद हटा भी दिए हैं, लेकिन बाकी 13 जगहों पर अभी कार्रवाई बाकी है।

इस मामले पर हाल ही में पीएमआरडीए कमिश्नर डॉ. योगेश म्हसे की अध्यक्षता में एक अहम बैठक हुई, जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और रहवासियों के संगठन शामिल हुए। बैठक का मकसद यही था कि कैसे हिंजेवाड़ी फेज 1, 2 और 3 में बारिश के दौरान होने वाले जलभराव को रोका जाए और मेट्रो कॉरिडोर के आसपास की स्थिति में सुधार लाया जाए। पीएमआरडीए की हालिया रिपोर्ट में सामने आया कि जलनिकासी की प्राकृतिक व्यवस्था पर हुए अतिक्रमण ही इस बाढ़ की मुख्य वजह हैं।

रिपोर्ट में खासतौर पर बताया गया कि कैसे मेट्रो स्टेशन से लेकर इंफोसिस के बीच बनाए गए ढांचों और गलत तरीके से बनाई गई सड़कों ने पानी के जमाव को बढ़ावा दिया। इसमें नौ ऐसे प्रमुख पॉइंट्स की पहचान हुई, जहां जलभराव सबसे ज्यादा होता है। रिपोर्ट के साथ जीआईएस मैप्स, सड़क क्रॉस-सेक्शन और एजेंसी वाइज एक्शन प्लान भी जोड़ा गया है। भोइरवाड़ी, माण और मेट्रो स्टेशन के पास के क्षेत्रों में कई कंपनियों और बिल्डरों द्वारा प्राकृतिक नालों पर अतिक्रमण किया गया है।

डॉ. म्हसे ने सभी संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि कोई निर्माण अवैध पाया जाए, तो बिना देर किए उसे हटाया जाए। आईटी कर्मचारी और स्थानीय निवासी लगातार बढ़ती समस्याओं और खराब तालमेल को लेकर नाराज़ हैं। ऐसे में पीएमआरडीए ने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर रियल-टाइम मॉनिटरिंग की योजना बनाई है। साथ ही, जलभराव को कम करने के लिए बॉक्स कलवर्ट, मोबाइल पंप और साइनबोर्ड जैसी सुविधाओं पर काम शुरू किया जा रहा है। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी गंदे नालों और खुले सीवेज पर जल्द कार्रवाई का आश्वासन दे चुका है।


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