ताजा खबर
सिंगर यासर देसाई को लेकर बढ़ी चिंता, वायरल वीडियो ने फैलाई बेचैनी   ||    पुणे में तीसरी मंजिल की ग्रिल में फंसी चार साल की बच्ची, फायर फाइटर ने बचाई जान   ||    अब महाराष्ट्र के लिए खेलेंगे पृथ्वी शॉ: मुंबई से नाता तोड़कर नए सफर की शुरुआत   ||    टेक्सास में बाढ़ से 100 से अधिक लोगों की मौत, 26 फीट बढ़ा नदी का जलस्तर, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी   ||    ‘हम भारत के साथ सौदा करने के करीब…,’ 14 नए देशों पर टैरिफ के ऐलान के बाद क्या बोले ट्रंप?   ||    पाकिस्तान में एक और तख्तापलट की तैयारी, जरदारी को हटाकर मुनीर बन सकते हैं राष्ट्रपति   ||    ट्रंप ने अब इन 14 देशों में लगाया टैरिफ, लिस्ट में म्यांमार 40 फीसदी टैक्स के साथ सबसे ऊपर   ||    डोनाल्ड ट्रंप ने बढ़ाई टैरिफ लागू करने की डेडलाइन, किस देश में कितना टैरिफ? लिस्ट आई सामने   ||    रील के चक्कर में गई जान, बिहार में ट्रेन से गिरा शख्स तो महाराष्ट्र में तालाब में डूबा   ||    ब्रिक्स समिट के बाद स्टेट विजिट के लिए ब्रासीलिया पहुंचे पीएम मोदी, इन मुद्दों पर करेंगे चर्चा   ||   

पुणे में गुलेन बैरी सिंड्रोम के मामले बढ़े, 111 लोग प्रभावित, 1 की मौत

Photo Source : Aaj Tak

Posted On:Tuesday, January 28, 2025

पुणे न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र के पुणे में गुलेन बैरी सिंड्रोम (GBS) के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। अब तक 111 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से एक मरीज की मौत हो चुकी है, जबकि 17 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। हालांकि, राहत की बात यह है कि 7 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी भी मिल चुकी है। इसी बीच, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबीतकर ने खुलासा किया कि इस बीमारी के 80 फीसदी मरीज पुणे के सिंघगढ़ रोड स्थित नांदेड गांव के पास के हैं, जहां एक कुआं मौजूद है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नांदेड गांव में पानी की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं और संभावना जताई जा रही है कि यह बीमारी पानी के प्रदूषण से फैली हो सकती है। मामले की गंभीरता को देखते हुए नगर निगम को इस क्षेत्र की पानी सप्लाई की जांच के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग और पुणे नगर निगम इस समस्या का समाधान निकालने के लिए प्रयासरत हैं।

जानकारी के अनुसार, नांदेड गांव का यह कुआं आसपास के कई गांवों के लिए पानी का मुख्य स्रोत है। इसके अलावा, इलाके के अन्य जलस्रोतों और घरों में भी पानी की जांच की जा रही है। साथ ही, लोगों के ब्लड सैंपल लेकर गहराई से जांच की जा रही है। सरकार इस समस्या के मूल कारणों का पता लगाने और इसे रोकने के लिए जरूरी कदम उठा रही है।

गुलेन बैरी सिंड्रोम एक ऑटोइम्यून न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम अपनी ही नसों पर हमला करता है। इस बीमारी के कारण मरीजों को चलने, उठने-बैठने, और यहां तक कि सांस लेने में भी परेशानी होती है। कई मामलों में यह बीमारी लकवे का रूप भी ले लेती है। यह समस्या खासतौर पर पेरिफेरल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है, जो शरीर के अन्य हिस्सों की नसों को नियंत्रित करता है।

इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों में हाथों और पैरों में झुनझुनी और कमजोरी शामिल हैं। इसके अलावा, मरीजों को चलने में दिक्कत, मांसपेशियों में तेज दर्द, सांस लेने में परेशानी, और आंखों की डबल विजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। बीमारी के लक्षण तेजी से बढ़ते हैं और अगर समय पर इलाज न हो तो यह गंभीर हो सकती है।


पुणे और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. punevocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.