ताजा खबर
मनीषा कोइराला ने नरगिस दत्त को बताया सिनेमा से परे एक सच्ची प्रेरणा   ||    गौरी खान ने बेटे आर्यन खान की बड़ी सफलता का जश्न मनाया, नेटफ्लिक्स पर नंबर वन बनी ‘द बैड्स ऑफ़ बॉलीव...   ||    बिग बॉस 19 सक्सेस पार्टी: सलमान खान और कंटेस्टेंट्स ने जश्न से सजा दी यादगार रात   ||    ‘तेनु ज़्यादा मोहब्बत’ रिलीज़: कार्तिक-अनन्या की जोड़ी ने फिर जीता दिल   ||    कोलकाता में मेसी पर बवाल के बाद पुलिस का एक्शन, मुख्य ऑर्गनाइजर गिरफ्तार, DGP ने क्या-क्या बताया?   ||    फसल बीमा और किसान की चिंता: PMFBY में नुकसान आंकने के नियमों पर सरकार का स्पष्टीकरण   ||    इन लड़कों को सबक सिखाने के जरूरत है… मुंबई BMW हिट-एंड-रन केस पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी   ||    तिरुवनंतपुर में ढहा LDF का किला, NDA की जीत से PM मोदी गद-गद, कहा- केरल के लिए ऐतिहासिक पल   ||    6 जनवरी को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनेंगे डीके शिवकुमार… कांग्रेस विधायक का बड़ा दावा   ||    फर्जी ई-चालान और नकली आरटीओ ऐप से सावधान रहें: पुणे परिवहन विभाग की चेतावनी   ||   

पुणे जमीन विवाद पर अजित पवार का बयान: गलती रजिस्ट्रेशन करने वाले अधिकारियों की, बेटे को बचाने का सवाल नहीं

Photo Source : Google

Posted On:Saturday, December 13, 2025

पुणे न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र के चर्चित पुणे जमीन सौदे को लेकर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शनिवार को पहली बार खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने साफ कहा कि इस पूरे मामले में गलती उन अधिकारियों की है, जिन्होंने कानून के खिलाफ दस्तावेजों का पंजीकरण किया। अजित पवार का कहना था कि यदि कोई समझौता नियमों के अनुरूप नहीं था, तो उसे उसी वक्त खारिज कर दिया जाना चाहिए था और संबंधित पक्षों को स्पष्ट रूप से इसकी जानकारी दी जानी चाहिए थी।

यह बयान ऐसे समय आया है, जब बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमीन सौदे की पुलिस जांच पर सवाल उठाते हुए यह टिप्पणी की थी कि पार्थ पवार का नाम एफआईआर में न होना संदेह पैदा करता है। अदालत ने कहा था कि इससे ऐसा प्रतीत हो सकता है कि जांच में किसी को संरक्षण दिया जा रहा है। इसी सौदे में पार्थ पवार की कंपनी अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी को पुणे के मुंधवा इलाके की 40 एकड़ जमीन 300 करोड़ रुपये में बेचने का मामला सामने आया था, जिस पर 21 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी और जुर्माने का नोटिस जारी हुआ है।

अजित पवार ने यह भी स्पष्ट किया कि हाल ही में पारित बिल का उद्देश्य किसी खास व्यक्ति या उनके बेटे को राहत देना नहीं है। उन्होंने कहा कि अब तक ऐसे मामलों में शिकायतकर्ताओं को केवल हाईकोर्ट का ही रास्ता अपनाना पड़ता था, लेकिन नए कानून के तहत वे सीधे राजस्व मंत्री के पास अपनी बात रख सकते हैं। उनका तर्क था कि इससे प्रशासनिक स्तर पर मामलों का समाधान जल्दी और प्रभावी ढंग से हो सकेगा।

इस सौदे में पार्थ पवार की 99 प्रतिशत हिस्सेदारी जरूर बताई जा रही है, लेकिन जांच एजेंसियों का कहना है कि किसी भी आधिकारिक दस्तावेज में उनका नाम दर्ज नहीं है। इसी वजह से एफआईआर में उनके बजाय दिग्विजय पाटिल, पावर ऑफ अटॉर्नी धारक शीतल तेजवानी और उप-रजिस्ट्रार रविंद्र तरु को आरोपी बनाया गया है। वहीं राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले का कहना है कि इस लेनदेन से राज्य को आर्थिक नुकसान हुआ, इसलिए कानूनी रूप से मजबूत समाधान के लिए यह बिल जरूरी था।


पुणे और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. punevocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.