पुणे न्यूज डेस्क: पुणे जिले के दौंड में स्थित फरगड़े शेतकारी कंपनी ने किसानों को सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का अनोखा मॉडल पेश किया है। इस कंपनी के निदेशक महेश फरगड़े ने वीक्स मार्केट की अवधारणा को लागू कर 253 किसानों को इसका हिस्सा बनाया है। ये किसान फल और पत्तेदार सब्जियां उगाते हैं, जिन्हें पुणे के बाजारों में सीधे उपभोक्ताओं को बेचते हैं। इस प्रयास से कंपनी का सालाना टर्नओवर 35 लाख रुपये तक पहुंच गया है।
पुणे नगर निगम ने किसानों को शहर के अलग-अलग हिस्सों में बाजार उपलब्ध कराए हैं, जहां वे बिना किसी बिचौलिए की मदद के अपनी उपज बेच सकते हैं। इससे किसानों को अपनी उपज का पूरा मूल्य मिलता है। महाराष्ट्र सरकार के स्मार्ट प्रोजेक्ट के तहत कंपनी को 60% सब्सिडी भी मिली है, जिसने इस पहल को और मजबूती दी है।
फरगड़े शेतकारी कंपनी के 253 सदस्यों में से 100 किसान स्ट्रॉबेरी, शहतूत और रास्पबेरी जैसी फसलों का उत्पादन करते हैं। इसके अलावा, दौंड तालुका में पपीता, अनार, अमरूद, सीताफल और मेथी जैसी फसलें भी उगाई जाती हैं। कंपनी ने किसानों को परंपरागत खेती से हटकर विविध फसलें उगाने और नए बाजार खोजने में मदद की है, जिससे वे मौसम और बाजार की अस्थिरताओं का बेहतर तरीके से सामना कर रहे हैं।
2017 में कंपनी की शुरुआत मात्र 5 लाख रुपये के टर्नओवर से हुई थी। लेकिन महेश फरगड़े के नेतृत्व और किसानों की मेहनत ने इसे कुछ ही वर्षों में 35 लाख रुपये के टर्नओवर तक पहुंचा दिया। यह सफलता दर्शाती है कि सही रणनीति और बाजार तक सीधी पहुंच मिलने से किसान व्यवसायिक क्षेत्र में भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
कंपनी ने किसानों को सिर्फ आर्थिक रूप से मजबूत नहीं किया, बल्कि उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकों और मार्केटिंग के गुर भी सिखाए। किसान अब उत्पादन से लेकर बिक्री तक की हर प्रक्रिया में शामिल होकर आत्मनिर्भर बन रहे हैं। यह पहल उन्हें पारंपरिक कृषि से आगे बढ़ने और नवाचार अपनाने की प्रेरणा देती है।
फरगड़े शेतकारी कंपनी की यह पहल न केवल स्थानीय किसानों के जीवन में बड़ा बदलाव लाई है, बल्कि यह साबित किया है कि जब किसानों को सही दिशा और संसाधन मिलें, तो वे खेती के क्षेत्र में चमत्कार कर सकते हैं। यह मॉडल देश के अन्य हिस्सों के किसानों के लिए भी प्रेरणादायक साबित हो सकता है।