पुणे न्यूज डेस्क: पुणे इंटरनेशनल एयरपोर्ट परिसर में कई महीनों से दिखाई दे रहा तेंदुआ आखिरकार शुक्रवार तड़के पकड़ लिया गया। गुरुवार रात लगभग आठ घंटे चले संयुक्त अभियान में पुणे वन विभाग, RESQ चैरिटेबल ट्रस्ट, भारतीय वायुसेना और एयरपोर्ट प्रशासन की टीमों ने बड़ी सावधानी के साथ यह ऑपरेशन पूरा किया। अधिकारियों के मुताबिक, अभियान गुरुवार रात 8 बजे शुरू हुआ और शुक्रवार सुबह करीब 4 बजे तेंदुए को बेहोश कर सुरक्षित बाहर निकाला गया। इसके बाद उसे मेडिकल ऑब्ज़र्वेशन के लिए स्थानांतरित किया गया।
वन विभाग ने बताया कि तेंदुए की उपस्थिति पहली बार 28 अप्रैल 2025 को कैमरों में दर्ज हुई थी। उसके बाद वह एयरपोर्ट परिसर के अंदर बने भूमिगत सुरंगों, घनी झाड़ियों और कम आवाजाही वाले क्षेत्रों का उपयोग करता रहा, जिससे उसे पकड़ना काफी चुनौतीपूर्ण हो गया। कैमरा ट्रैप, लाइव कैमरे और पिंजरों के बावजूद तेंदुआ हमेशा बच निकलता था, जिसके कारण सुरक्षा और संचालन से जुड़े जोखिम लगातार बढ़ते रहे।
4 दिसंबर को तेंदुए की मूवमेंट एक विशेष भूमिगत सुरंग में दर्ज हुई। इसके बाद सभी संभावित निकासों को बंद किया गया, अतिरिक्त कैमरे लगाए गए और कैमरा ट्रैप्स की पोजिशन बदली गई, ताकि उसकी गतिविधियों पर लगातार नज़र रखी जा सके। इन सूचनाओं के आधार पर गुरुवार को एक केंद्रित ऑपरेशन तैयार किया गया, जिसमें वन विभाग, RESQ और वायुसेना के कुल 30 सदस्यों की टीम शामिल हुई। योजना के अनुसार तेंदुए को लगभग 80 फीट लंबी सुरंग में मोड़ा गया, जहां नियंत्रित वातावरण में उसे बेहोश किया जा सके।
वन्यजीव चिकित्सक डॉ. गौरव मंगला ने बताया कि सुरंग के संकरे और चुनौतीपूर्ण माहौल में यह ऑपरेशन अत्यंत सूक्ष्मता, धैर्य और लगातार मौके की समीक्षा की मांग करता था। तेंदुए ने वहां लगे दोनों लाइव कैमरे तोड़ दिए थे, जिससे निगरानी मुश्किल हो गई थी। डॉ. मंगला ने बताया कि बेहद कठिन एंगल से डार्ट मारना संभव हुआ क्योंकि पूरी टीम शांत रही और योजनानुसार अपनी-अपनी पोजिशन पर डटी रही। तेंदुए को सफलतापूर्वक बाहर निकालने के बाद उसे सुरक्षित तौर पर मेडिकल केयर के लिए भेज दिया गया।