पुणे न्यूज डेस्क: पाली के सोमेसर स्टेशन पर शनिवार को ऐतिहासिक पल देखने को मिलेगा, जब आजादी के बाद पहली बार पुणे जाने वाली ट्रेन स्टेशन पर रुकेगी। यह खुशी सिर्फ रेलवे के लिए नहीं बल्कि सोमेसर और आसपास के गांवों के लोगों के लिए उत्सव का कारण बन गई है। लोगों ने इसे फेस्टिवल की तरह मनाने की तैयारी कर ली है। स्टेशन पर तीन दिन से तैयारियां चल रही हैं और आस-पास के लगभग 50 गांवों के लोगों को न्योता भेजा गया है।
इस कार्यक्रम में शामिल होने मुंबई से मेडिकल व्यवसायी राम सिंह राजपुरोहित भी पहुंचे। उन्होंने बताया कि इस ट्रेन के लिए उन्होंने तीन महीने पहले संकल्प लिया था कि ट्रेन रुकने तक वे जूते-चप्पल नहीं पहनेंगे। ट्रेन सोमेसर स्टेशन पर रुकते ही उनका यह संकल्प पूरा हुआ और अब वे 14 सितंबर से जूते-चप्पल पहनेंगे। वहीं, सांसद पीपी चौधरी और अन्य मेहमानों के पहुंचने पर ग्रामीणों ने फूलों की बारिश की, ढोल-थाली पर महिलाओं ने डांस किया और पूरे गांव में खुशी का माहौल रहा।
ग्रामीणों के अनुसार, आजादी के बाद यह पहली बार है जब यहां से पुणे के लिए सीधी ट्रेन शुरू हो रही है। इससे पहले 1992 में भी इस अभियान की शुरुआत हुई थी। 2021 में मारवाड़ युवा संघर्ष समिति बनाई गई, जिसने घर-घर जाकर लोगों को जोड़ा और ट्रेन चलाने के लिए पोस्टकार्ड अभियान के साथ सोशल मीडिया पर भी कैंपेन चलाया। समिति के अध्यक्ष हुकुम सिंह ने बताया कि इस प्रयास ने रेल मंत्रालय तक लोगों की आवाज पहुँचाई और अब ट्रेन रुकने की तैयारी पूरी हो गई है।
इस कार्यक्रम की भव्य तैयारी भी खास रही। करीब 5,000 मिठाई के पैकेट तैयार किए गए हैं और कार्यक्रम में शामिल होने आए लोगों के लिए जेसीबी से फूल बरसाए जाएंगे। ट्रेन शनिवार शाम करीब 5 बजे स्टेशन पहुंचेगी और ढोल-नगाड़ों के साथ इसका स्वागत किया जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि यह पल उनके लिए सालों की मेहनत का परिणाम है और ट्रेन के रुकने से उनके गांव की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान भी मजबूत होगी।