पुणे न्यूज डेस्क: पुणे नगर निगम में बुधवार शाम सियासी हंगामा देखने को मिला, जब मनसे के पूर्व पार्षद किशोर शिंदे अपने समर्थकों के साथ नगर निगम आयुक्त नवलकिशोर राम के दफ़्तर में घुस गए। उस समय आयुक्त एक बैठक में थे। विवाद तब भड़क उठा जब आयुक्त ने कथित तौर पर शिंदे से हिंदी में बाहर जाने को कहा, जिस पर शिंदे ने आपत्ति जताते हुए मराठी में बात करने की मांग कर दी।
घटना के बाद सुरक्षाकर्मियों ने शिंदे और उनके समर्थकों को दफ़्तर से बाहर निकाला और शिवाजीनगर पुलिस स्टेशन ले जाया गया। पुलिस ने शिंदे और अन्य समर्थकों पर IPC की धारा 132 के तहत केस दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आरोप है कि उन्होंने एक लोक सेवक को कर्तव्य पालन से रोकने के लिए बल प्रयोग किया।
शिंदे का कहना है कि वे मीडिया में छपी खबरों पर स्पष्टीकरण मांगने गए थे, जिसमें दावा किया गया था कि पीएमसी आयुक्त के आधिकारिक आवास से कुछ सामान उनके रहने से पहले गायब हो गया था। इस मुद्दे पर ज्ञापन सौंपते समय आयुक्त ने उन्हें ‘मनसे का गुंडा’ कहा और हिंदी में बाहर जाने के लिए कहा, जिससे मामला और बढ़ गया।
वहीं, आयुक्त नवलकिशोर राम ने आरोप लगाया कि शिंदे ने उन्हें धमकाया और बदसलूकी की। उनका कहना है कि वे पहले से मराठी में बात कर रहे थे, लेकिन शिंदे ने एक वाक्य को मराठी बनाम हिंदी विवाद में बदल दिया। फिलहाल पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है, जिससे यह साफ हो सकेगा कि सच्चाई किस पक्ष की है।