पुणे न्यूज डेस्क: बेंगलुरु का रियल एस्टेट मार्केट भारत के अन्य प्रमुख शहरों से अलग रफ्तार पकड़ रहा है। जहां मुंबई और पुणे जैसे बाजारों में घरों की बिक्री धीमी पड़ रही है, वहीं बेंगलुरु में खरीदारों की मजबूत मांग लगातार बढ़ रही है। PropEquity के आंकड़ों के मुताबिक, भारत के शीर्ष 9 शहरों में आवासीय मांग में गिरावट का अनुमान है, लेकिन बेंगलुरु इस ट्रेंड से बाहर है। इसका मुख्य कारण यहाँ की Genuine End-User Demand और मजबूत आर्थिक इकोसिस्टम माना जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु में जुलाई-सितंबर तिमाही में हाउसिंग बिक्री में 21 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान है। इस तिमाही में लगभग 16,840 यूनिट्स की बिक्री होने की संभावना है, जो पिछले साल की समान अवधि में बेची गई 13,966 यूनिट्स से कहीं अधिक है। यह आंकड़ा दिखाता है कि बेंगलुरु में खरीदारों का भरोसा और बाजार की मजबूती दोनों ही मजबूत हैं।
मुंबई और पुणे में हालात कुछ अलग हैं। मुंबई में कीमतें इतनी अधिक हैं कि आम खरीदारों के लिए घर लेना मुश्किल हो गया है, जिससे बिक्री केवल प्रीमियम और अल्ट्रा-लग्जरी सेगमेंट तक सीमित रह जाती है। पुणे में भी कुछ अंदरूनी चुनौतियों और आपूर्ति के दबाव की वजह से मांग अपेक्षित रूप से बढ़ नहीं पा रही है। वहीं बेंगलुरु में मध्यम-आय वर्ग के लिए विकल्प उपलब्ध हैं, जिससे अंतिम-उपयोगकर्ता मांग बनी रहती है और निवेशक भी अब आईटी हब की ओर रुख कर रहे हैं।
बेंगलुरु में किराए से मिलने वाला रिटर्न भी आकर्षक है। आईटी कॉरिडोर और नए मेट्रो रूट्स के आसपास संपत्तियों के मूल्य तेजी से बढ़ रहे हैं। प्रशासन द्वारा मेट्रो, पेरिफेरल रिंग रोड और एयरपोर्ट कनेक्टिविटी जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश से शहर के बाहरी इलाके भी मुख्य आईटी हब से जुड़ रहे हैं। इससे नए और किफायती क्षेत्रों में रियल एस्टेट की मांग फैल रही है, और शहर का विकास लगातार जारी है।