पुणे न्यूज डेस्क: पुणे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एक दिवसीय दौरे ने शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शहर के कोंढवा, उंड्री और आसपास के इलाकों के कई नामी स्कूलों ने अचानक छुट्टी घोषित कर दी या फिर ऑनलाइन मोड में क्लासेस लेने का फैसला किया। वजह बताई गई — “VVIP मूवमेंट” और “ट्रैफिक डिसरप्शन”। अब सवाल ये है कि क्या एक मंत्री के दौरे के चलते बच्चों की पढ़ाई पर इस तरह रोक लगाना जायज़ है?
Euro School, संस्कृति स्कूल, St. Mathews Academy और Bishop School जैसे बड़े संस्थानों ने सुरक्षा और ट्रैफिक वजहों से छुट्टी या ऑनलाइन क्लास का ऐलान कर दिया। हालाँकि किसी स्कूल ने अमित शाह का नाम खुलकर नहीं लिया, लेकिन VVIP मूवमेंट को जिम्मेदार ठहराया। सामाजिक कार्यकर्ता प्रफुल्ल सारडा ने सवाल उठाया कि जब प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के दौरे पर स्कूल बंद नहीं होते, तो गृह मंत्री के दौरे पर ये कदम क्यों?
अमित शाह का पुणे शेड्यूल काफी व्यस्त था — NDA खड़कवासला में पेशवा बाजीराव की मूर्ति का अनावरण, जयराज स्पोर्ट्स एंड कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन, और पुणा हेल्थ रिसर्च सेंटर की आधारशिला जैसी गतिविधियाँ शामिल थीं। इन कार्यक्रमों के चलते ट्रैफिक डायवर्जन और भारी सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई, जिससे स्कूलों ने खुद को ऑनलाइन या बंद करना ही बेहतर समझा।
लेकिन इस पूरी स्थिति ने आम जनता, खासकर अभिभावकों के बीच नाराजगी को जन्म दिया है। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने लिखा कि क्या हम इतने असुरक्षित हो गए हैं कि बच्चों को स्कूल भेजना भी खतरे से भरा हो गया है? या फिर ये सब सिर्फ VVIP शोभा बढ़ाने का तरीका बनता जा रहा है? पुणे जैसे शिक्षित शहर में अगर शिक्षा को VVIP कल्चर के नीचे दबाया जाएगा, तो इससे व्यवस्था पर ही सवाल उठना तय है।