ताजा खबर
ट्रंप के टैरिफ का विरोध करने वाले पूर्व NSA के घर FBI का छापा, भारत पर सख्त रुख की आलोचना से चर्चा म...   ||    यूक्रेन से युद्ध पर रूस का बड़ा ऐलान, डोनाल्ड ट्रंप ने भी लिया यूटर्न, पुतिन-जेलेंस्की की मीटिंग पर ...   ||    कौन हैं भारत में अमेरिका के नए एंबेसडर सर्जियो गोर? जिन्हें राष्ट्रपति ट्रंप ने किया नियुक्त, क्या ब...   ||    टिकटॉक पर अमेरिका में क्यों लगा है बैन? डोनाल्ड ट्रंप ने बढ़ाई प्रतिबंध की समयसीमा   ||    ‘तुगलकी फरमान है आधार कार्ड पर लिया गया फैसला’, असम सरकार पर भड़के रफीकुल इस्लाम, क्या है मामला?   ||    2023 से पहले की गाड़ियां खराब कर रहा इथेनॉल वाला पेट्रोल! सरकार की नीति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में द...   ||    क्या भारत में TikTok की होने जा रही है वापसी? 5 साल पहले लगा था बैन   ||    भारत अंतरिक्ष में बनाएगा अपना स्टेशन, 2028 तक पहला हिस्सा होगा स्थापित   ||    सरासर झूठ है! टिकटॉक नहीं हुआ भारत में अनब्लॉक, केंद्र सरकार ने दिया बड़ा अपडेट   ||    Aaj Ki Taaza Khabar LIVE Update: PM मोदी करेंगे राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन का शुभारंभ, चमोली में ...   ||   

पुणे में नई नगरपालिकाओं पर अजीत पवार-फडणवीस में मतभेद

Photo Source : Google

Posted On:Saturday, August 9, 2025

पुणे न्यूज डेस्क: देखिए, पुणे में शहरीकरण और ट्रैफिक का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है, लेकिन इस बार वजह है राज्य सरकार के दो बड़े नेताओं के अलग-अलग विचार। उप मुख्यमंत्री अजीत पवार का मानना है कि मौजूदा हालात में पुणे को तीन नई महानगरपालिकाओं की बेहद जरूरत है, ताकि बढ़ते दबाव को संभाला जा सके। वहीं, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि फिलहाल इसकी कोई जरूरत नहीं है, और सही समय आने पर इस पर विचार किया जाएगा। यानी सरकार के अंदर ही इस मसले पर राय बंटी हुई नज़र आ रही है।

अजीत पवार ने यह बात पिंपरी-चिंचवड दौरे के दौरान कही, जहां उन्होंने खुद शहर के ट्रैफिक और शहरीकरण की बढ़ती चुनौतियों का जायज़ा लिया। उन्होंने कहा कि मुंबई, ठाणे, नई मुंबई और भिवंडी जैसे शहरों में अलग-अलग महानगरपालिकाएं होने से प्रबंधन बेहतर हो पाया है, तो फिर पुणे में भी ऐसा होना चाहिए। उनका तर्क है कि इससे प्रशासनिक काम आसान होगा और विकास की गति तेज़ होगी।

लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आया जब कुछ ही घंटे बाद देवेंद्र फडणवीस भी पुणे पहुंचे। उनसे जब इसी मुद्दे पर सवाल किया गया तो उन्होंने साफ कर दिया कि अभी इसकी कोई ज़रूरत नहीं है। उनका कहना है कि आने वाले समय में अगर शहरीकरण और बढ़ा, तभी इस विकल्प पर विचार किया जाएगा। यानी, फिलहाल सरकार की प्राथमिकता कहीं और है।

इस तरह, एक ही शहर और एक ही समस्या पर सरकार के दो बड़े नेताओं की अलग सोच ने चर्चा को और तेज़ कर दिया है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में इस पर क्या सहमति बनती है या यह मतभेद और गहरा होता है।


पुणे और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. punevocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.