पुणे न्यूज डेस्क: पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान गई थी, जिसके बाद पूरे देश में गुस्से और शोक की लहर दौड़ गई। लोगों ने इस हमले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। इस पर जवाबी कार्रवाई करते हुए भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों पर 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत हमला किया। यह ऑपरेशन आतंकवादियों के खिलाफ एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
इस हमले में मारे गए पुणे के कौस्तुभ गणबोटे के बेटे कुणाल गणबोटे ने कहा, "हम सभी इस तरह के जवाब का इंतजार कर रहे थे। ऑपरेशन का नाम 'सिंदूर' रखा गया है, जो शायद मेरी मां जैसी महिलाओं के सम्मान का प्रतीक है। हमें सरकार से यही उम्मीद थी और इस कदम से हमें थोड़ा सुकून मिला है।"
कौस्तुभ की पत्नी संगीता गणबोटे ने भी इस कार्रवाई पर संतोष जताते हुए कहा, "सेना ने आतंकियों को जवाब देकर सही कदम उठाया है। 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम देकर उन्होंने महिलाओं का सम्मान किया है। मैं अभी भी कई दिनों तक रोती हूं, लेकिन अब लगता है कि हमारे दर्द का बदला लिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी से भी हमें इसी तरह की कार्रवाई की उम्मीद थी और उन्होंने कर दिखाया। आतंकवादियों का सफाया जरूरी है।"