पुणे न्यूज डेस्क: पूजा खेड़कर मामले के बाद, एक और बड़ा घोटाला सामने आया है, जहां पुणे मनपा के 6 इंजीनियरों पर दिव्यांगता के फर्जी प्रमाणपत्र हासिल करने का आरोप लगा है। दिव्यांग आयुक्तालय को शिकायत मिलने के बाद, दिव्यांग विभाग ने जांच की और शक की पुष्टि होने पर, दिव्यांग आयुक्त प्रवीण पुरी ने पुणे मनपा आयुक्त को पत्र लिखकर इन इंजीनियरों की मेडिकल जांच कराने के निर्देश दिए हैं। यह मामला पूजा खेड़कर के मामले की तरह है, जहां फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी प्राप्त की गई थी।
पुणे मनपा के 6 इंजीनियरों के खिलाफ दिव्यांगता के फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी पाने का मामला सामने आया है, लेकिन अभी तक पुणे मनपा ने उनकी मेडिकल जांच नहीं करवाई है। ये इंजीनियर विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं और अलग-अलग समय पर पुणे मनपा में शामिल हुए थे। दिव्यांग आयुक्तालय को शक है कि इन्होंने फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी प्राप्त की है। दिव्यांग विभाग ने उनके दस्तावेजों की जांच की है, लेकिन अभी तक पूरी जांच नहीं की गई है। पूरी जांच के बाद कई तथ्य सामने आने की संभावना है।
इंजीनियर भर्ती मामला पुणे मनपा में हुए एक घोटाले का मामला है, जहां 6 इंजीनियरों ने फर्जी दिव्यांगता प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी प्राप्त की है। इनमें से एक उपअभियंता ने 2001 में अस्थि-दिव्यांगता का प्रमाणपत्र देकर नौकरी प्राप्त की, जबकि अन्य इंजीनियरों ने 2007 और 2016-2017 में दृष्टिहीनता, बहरेपन और अस्थि-दिव्यांगता के प्रमाणपत्र देकर नौकरी प्राप्त की। यह मामला दिव्यांग आयुक्तालय के ध्यान में आया है और जांच जारी है।