पुणे न्यूज डेस्क: पुणे पोर्श हादसे से जुड़े डॉक्टर का नाम अब किडनी रैकेट में भी सामने आया है। पुलिस ने ससून अस्पताल के पूर्व मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. अजय टावरे को इस बार एक बड़े किडनी ट्रांसप्लांट घोटाले में गिरफ्तार किया है। यह मामला पुणे के एक नामी प्राइवेट अस्पताल रूबी हॉल क्लिनिक से जुड़ा है, जहां 2022 में एक गैरकानूनी अंग प्रत्यारोपण हुआ था।
डॉ. टावरे पहले ही पोर्श हादसे में ब्लड सैंपल से छेड़छाड़ करने के आरोप में जेल में हैं। दरअसल, 2023 के इस एक्सीडेंट में एक नाबालिग लड़के की पोर्श कार से टक्कर में दो युवाओं की मौत हो गई थी। आरोप है कि इस केस में नाबालिग को बचाने के लिए रसूखदारों ने ब्लड सैंपल बदलवाए, जिसमें डॉ. टावरे की भूमिका पाई गई थी। फिलहाल वे यरवदा सेंट्रल जेल में बंद हैं।
पुणे पुलिस की क्राइम ब्रांच के मुताबिक, टावरे को किडनी रैकेट केस में हिरासत में लिया गया है। पुलिस उपायुक्त निखिल पिंगले ने बताया कि टावरे को अदालत में पेश किया जाएगा। उस वक्त वे अंग प्रत्यारोपण को मंजूरी देने वाली रीजनल अथॉरिटी कमिटी के प्रमुख थे। 2022 में रूबी हॉल क्लिनिक में हुए ट्रांसप्लांट को लेकर 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।
इस रैकेट में पैसे लेकर झूठे रिश्ते बनवाकर अंग बदलवाए जा रहे थे। जांच में सामने आया कि कोल्हापुर की एक महिला को एक मरीज़ की पत्नी बनकर झूठ बोलने के लिए 15 लाख देने का वादा किया गया था। उसने एक युवती को अपनी किडनी दी और बदले में युवती की मां ने उस मरीज़ को अपनी किडनी दे दी। बाद में पैसे के विवाद में महिला ने असली पहचान बताई और मामला खुल गया।