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1 दो नहीं 7 बार सोनम-राज ने रची थी साजिश, पहले 2 प्लान हो जाते सफल तो ना जाती राजा की जान

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Posted On:Saturday, June 14, 2025

राजा रघुवंशी की हत्या का मामला जब से सामने आया है, तब से यह पूरे देश की निगाहों में है। मेघालय पुलिस इस केस की गहराई से जांच कर रही है और लगातार नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं। जांच में अब तक यह बात साफ हो चुकी है कि यह हत्या किसी अकेले शख्स की नहीं, बल्कि सोनम और राज नामक दो आरोपियों की संगठित साजिश थी। दोनों ने मिलकर कई बार हत्या की योजना बनाई, लेकिन कई बार असफल रहे। अंततः 23 मई को एक सुनसान जगह पर राजा की हत्या कर दी गई। आइए इस मामले की पूरी कहानी विस्तार से समझते हैं।

हत्या की पहली योजना

सोनम और राज की पहली योजना तब बनी जब सोनम ने राज से शादी करने की ठानी थी, लेकिन सोनम के पिता को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। सोनम के पिता दिल के मरीज थे, इसलिए वह कोई ऐसा कदम नहीं उठाना चाहती थी जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़े। फरवरी महीने से सोनम हत्या की योजना बनाने लगी। पहला प्लान था कि सोनम नदी में बहती हुई नजर आए ताकि हत्या का सुराग कम मिले, लेकिन गुवाहाटी और शिलांग में लगे सीसीटीवी कैमरे और भीड़ की वजह से यह प्लान सफल नहीं हो सका।

दूसरा विफल प्रयास

पहले प्लान के असफल होने के बाद सोनम और राज ने दूसरा प्लान बनाया। इसमें सोनम जैसी दिखने वाली किसी लड़की को स्कूटी के पास मारकर जला देने की योजना थी, ताकि पुलिस को भ्रमित किया जा सके। लेकिन सोनम जैसी लड़की नहीं मिल सकी, इसलिए यह प्लान भी फेल हो गया।

शादी तय, पर हत्या की साजिश जारी

इसी बीच सोनम की राजा के साथ शादी तय हो गई, लेकिन वह यह शादी नहीं करना चाहती थी। इस कारण सोनम और राज ने एक नई साजिश रची। उन्होंने तय किया कि शादी कर लो और फिर राजा को रास्ते से हटा देंगे। शादी से 11 दिन पहले दोनों ने मुलाकात की और हत्या की योजना अंतिम रूप में तैयार की।

सोनम ने राजा को गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर दर्शन के लिए मना लिया। राजा के परिवार ने भी सोचा कि बहू धार्मिक है, इसलिए इस पर आपत्ति नहीं की। 19 मई को सोनम के साथ तीन किलर्स - आकाश, आनंद और विशाल - गुवाहाटी पहुंच गए। लेकिन भीड़ और सुरक्षा कारणों से हत्या का प्लान इस बार भी फेल हो गया।

गुवाहाटी और शिलांग में असफल प्रयास

20 मई को गुवाहाटी में राजा की हत्या की कोशिश हुई, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद सोनम ने राजा को शिलांग जाने के लिए मनाया। 21 और 22 मई को शिलांग में भी हत्या की कई योजनाएं बनाई गईं, लेकिन वे भी विफल रही। अंततः 23 मई को सोनम और किलर्स को मौका मिल गया और एक सुनसान जगह पर राजा की हत्या कर दी गई।

हत्या के बाद सोनम का भागना

हत्या के बाद सोनम ने राज के दिए हुए बुरका पहनकर टैक्सी से गुवाहाटी तक सफर किया। वहां से वह सिलीगुड़ी, पटना, आरा होते हुए ट्रेन से लखनऊ पहुंची। लखनऊ से 25 मई को बस द्वारा वह इंदौर पहुंची। इस बीच 2 जून को राजा का शव बरामद हुआ। 8 जून को जब आकाश को पुलिस ने गिरफ्तार किया, तो राज ने सोनम को चेतावनी दी और सिलीगुड़ी भागने को कहा।

सोनम ने फिर बुरका पहनकर सिलीगुड़ी की ओर रुख किया। यहां वह खुद को ड्रग्स की नशे में और किडनैप की शिकार के रूप में पेश करने वाली थी। लेकिन राज ने अचानक प्लान बदल दिया और उसे गाजीपुर जाने को कहा। गाजीपुर पहुंचकर सोनम ने एक ढाबे पर नशे की हालत का नाटक किया और अपने भाई को फोन किया, जिससे यह मामला मीडिया में उछल गया।

पुलिस की जांच और आने वाली चुनौतियां

मेघालय पुलिस ने सोनम और राज की साजिश के कई पहलुओं को उजागर कर दिया है। जांच में यह बात भी सामने आई है कि दोनों ने राजा की हत्या के लिए कई बार प्लान बनाए और कई बार उन्हें सुधारते हुए नए तरीके अपनाए। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि हत्या में और कौन-कौन शामिल था और किन-किन बाहरी मददगारों ने इस मामले में हाथ बंटाया।

निष्कर्ष

राजा रघुवंशी की हत्या केवल एक साधारण क्राइम नहीं, बल्कि एक सुनियोजित साजिश थी जिसमें दो मुख्य आरोपी सोनम और राज के अलावा कई अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। उनकी कई बार असफल कोशिशों के बाद हत्या को अंजाम दिया गया। हत्या के बाद सोनम के भागने और उसकी नकल-नाटक की योजनाओं से साफ है कि आरोपी खुद को बचाने के लिए कितने चालाक और संगठित हैं।

इस मामले में आगे क्या होगा, पुलिस कब तक पूरी साजिश को बेनकाब करेगी और अदालत में कौन-कौन आरोपी पेश होंगे, यह समय ही बताएगा। फिलहाल पूरे देश की निगाहें मेघालय पुलिस की जांच पर टिकी हैं और उम्मीद है कि जल्द ही इस हत्या का सच पूरी तरह सामने आएगा।


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