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‘क्या विदेश में पीएम के खिलाफ बोले भारतीय सांसद…’, शशि थरूर के बचाव में उतरे मंत्री किरेन रिजिजू

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Posted On:Thursday, May 29, 2025

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ सांसद और चर्चित नेता शशि थरूर की हाल ही में विदेश में की गई कुछ टिप्पणियों ने पार्टी के भीतर हलचल मचा दी है। विशेष रूप से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत सरकार द्वारा पहली बार किए गए क्रॉस बॉर्डर सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़ी उनकी बातों को लेकर कांग्रेस नेतृत्व ने गहरा असंतोष जताया है। इस मामले में पार्टी के शीर्ष स्तर पर थरूर की आलोचना हो रही है, वहीं भाजपा नेताओं ने उनकी बातों का स्वागत किया है, जिससे राजनीतिक विवाद और बढ़ गया है।


थरूर की टिप्पणियाँ और पार्टी की नाराजगी

शशि थरूर ने पनामा में आयोजित एक बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल के कार्यक्रम में भारत की 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की बालाकोट एयरस्ट्राइक का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकियों को अब यह समझ आ गया है कि भारत की प्रतिक्रिया के बाद उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने बताया कि सितंबर 2016 में पहली बार भारत ने नियंत्रण रेखा के पार जाकर आतंकियों पर सर्जिकल स्ट्राइक की, जबकि 2019 में पुलवामा हमले के जवाब में भारत ने न केवल नियंत्रण रेखा बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमा भी पार की।

हालांकि थरूर के इस बयान को कांग्रेस पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला बताया है। पार्टी का मानना है कि ऐसे वक्तव्य पार्टी की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा की छवि पर असर डाल सकते हैं, खासकर तब जब विपक्षी दल भाजपा इस मामले को अपनी उपलब्धि के रूप में प्रचारित कर रहा हो।


केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने किया थरूर का बचाव

इस राजनीतिक विवाद के बीच केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शशि थरूर के बयान का बचाव किया है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार द्वारा ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सर्वदलीय टीमें विदेशों में जाकर समझाइश दे रही हैं, तो कांग्रेस से क्या उम्मीद की जाए? रिजिजू ने सोशल मीडिया पर लिखा कि कांग्रेस को यह समझना चाहिए कि विदेशों में भारतीय सांसदों को देश और प्रधानमंत्री के खिलाफ बोलना नहीं चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि थरूर ने जो कुछ कहा है वह देश हित में था और इसका मकसद देश की सुरक्षा को मजबूत दिखाना था।


कांग्रेस के अंदर विरोध और आलोचना

कांग्रेस पार्टी के भीतर इस मुद्दे पर विरोध और आलोचना भी तेज हुई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद उदित राज ने थरूर को ‘बीजेपी के सुपर प्रवक्ता’ करार देते हुए आरोप लगाया कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ में भाजपा के किसी भी नेता से बेहतर काम कर रहे हैं। उदित राज ने कहा कि थरूर भाजपा की लाइन को ही आगे बढ़ा रहे हैं, जो कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है।

इसके बाद पार्टी के अन्य प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी थरूर की आलोचना की। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि आतंकवाद रोधी ऑपरेशन नियंत्रण रेखा के पार पहले भी किए गए हैं, लेकिन इसे पहली बार सरकार ने सार्वजनिक किया है। खेड़ा ने यह भी कहा कि विदेश मामलों की संसदीय समिति के सामने 2016 में विदेश सचिव जयशंकर ने इस बात की जानकारी दी थी, जिसे उन्होंने मीडिया क्लिप के माध्यम से भी साझा किया।


राजनीतिक विवाद का राजनीतिक परिदृश्य पर प्रभाव

शशि थरूर के बयान और कांग्रेस के अंदर की प्रतिक्रिया ने राजनीतिक परिदृश्य को काफी गर्मा दिया है। यह विवाद आगामी चुनावों में राजनीतिक दलों के बीच तकरार को और बढ़ा सकता है। भाजपा के लिए यह मौका है कि वे कांग्रेस की इस आंतरिक असहमति को जोर-शोर से प्रचारित करें, जबकि कांग्रेस के लिए यह जरूरी हो गया है कि वह अपने नेताओं के बयान पर संयम और एकजुटता बनाए रखे।


निष्कर्ष

शशि थरूर की ऑपरेशन सिंदूर और सर्जिकल स्ट्राइक के संदर्भ में विदेशों में की गई टिप्पणियों ने कांग्रेस पार्टी के अंदर और बाहर राजनीतिक हलचल मचा दी है। जहां भाजपा ने इसे समर्थन देते हुए कांग्रेस की आलोचना की है, वहीं कांग्रेस के भीतर इसके खिलाफ नाराजगी और विरोध सामने आया है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने थरूर का बचाव किया, पर पार्टी के वरिष्ठ नेता उदित राज और पवन खेड़ा ने कड़ी आलोचना की।

यह मामला यह दर्शाता है कि कैसे एक नेता के बयान पार्टी की राजनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के मसलों को प्रभावित कर सकते हैं। आगे आने वाले दिनों में इस विवाद का राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव कितना व्यापक होगा, यह देखना दिलचस्प होगा। फिलहाल कांग्रेस को अपने भीतर की आवाज़ों को संतुलित करते हुए पार्टी की छवि को मजबूत बनाना होगा ताकि वे आगामी राजनीतिक लड़ाइयों में बेहतर तरीके से मुकाबला कर सकें।


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