पिछले 24 घंटों में धरती की थरथराहट से भारत, म्यांमार और अब चिली में दहशत का माहौल बन गया है। आज सुबह उत्तरी चिली में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में हड़कंप मच गया। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता 5.7 मापी गई है। हालांकि अभी तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन स्थानीय लोग दहशत में हैं और कई लोग भूकंप के झटके महसूस करते ही घरों से बाहर निकल आए।
GFZ के मुताबिक, भूकंप का एपिसेंटर जमीन के 178 किलोमीटर नीचे था, जो इसे गहरा भूकंप बनाता है। गहराई ज्यादा होने के कारण झटकों की तीव्रता कम हो सकती थी, लेकिन क्षेत्रीय सतर्कता के कारण चिली सरकार ने लोगों से सतर्क और तैयार रहने की अपील की है।
म्यांमार में भूकंप का सिलसिला जारी
चिली से पहले म्यांमार भूकंप की चपेट में रहा। पिछले दो दिनों में यहां दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। बीते दिन आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4 थी, जबकि आज अलसुबह 3 बजे जो भूकंप आया, उसकी तीव्रता 3.9 मापी गई। दोनों ही झटकों का केंद्र म्यांमार में ही 10 किलोमीटर गहराई में स्थित था।
हालांकि कोई बड़ा नुकसान दर्ज नहीं हुआ, लेकिन 29 मार्च को आए 7.0 से अधिक तीव्रता वाले भूकंप के बाद से म्यांमार लगातार सिस्मिक एक्टिविटी से जूझ रहा है। छोटे-छोटे आफ्टरशॉक्स वहां की धरती को बार-बार हिला रहे हैं।
भारत के मेघालय में भी हिली धरती
म्यांमार के झटकों के असर से भारत भी अछूता नहीं रहा। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, बीती रात मेघालय के ईस्ट गारो हिल्स जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता 2.7 रही। भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई में मिला।
गौर करने वाली बात यह है कि इससे एक दिन पहले भी मेघालय में भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता 3.1 दर्ज की गई थी। लगातार दो दिन तक भूकंप आने से स्थानीय लोगों में डर का माहौल है, हालांकि किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।
क्या कहता है विशेषज्ञों का विश्लेषण?
भूकंप विशेषज्ञों का मानना है कि टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल, खासकर इंडो-ऑस्ट्रेलियन और यूरेशियन प्लेट्स के टकराव वाले इलाकों में, लगातार भूकंप आना कोई असामान्य बात नहीं है। लेकिन एक ही समय में अलग-अलग महाद्वीपों में भूकंप आना ग्लोबल सिस्मिक एक्टिविटी में बढ़ोतरी का संकेत भी हो सकता है।
निष्कर्ष
भारत, म्यांमार और अब चिली – इन तीनों देशों में लगातार भूकंप आने से यह साफ है कि धरती के भीतर कुछ हलचलें चल रही हैं, जिनपर नजर रखना ज़रूरी है। सरकारों और संबंधित एजेंसियों ने सतर्कता बरतने की अपील की है और आम जनता से घबराने की बजाय सजग रहने की सलाह दी है।