पुणे न्यूज डेस्क: पुणे की स्पेशल कोर्ट ने एल्गर परिषद मामले के आरोपी और वन अधिकार कार्यकर्ता महेश राउत को एलएलबी की परीक्षा देने के लिए 20 अप्रैल से 16 मई तक अंतरिम जमानत दी है। कोर्ट ने उन्हें पढ़ाई और असाइनमेंट की तैयारी के लिए यह राहत दी है। इस दौरान उन्हें 50,000 रुपये के पर्सनल बॉन्ड पर रिहा किया जाएगा, साथ ही अपना निवास प्रमाण और मोबाइल नंबर भी जांच एजेंसी को देना होगा।
अदालत ने साफ किया है कि इस अंतरिम जमानत के दौरान NIA अगर जरूरत समझे, तो राउत की उनके मोबाइल नंबर के जरिए निगरानी कर सकती है। राउत पर UAPA के तहत 2018 की भीमा-कोरेगांव हिंसा से जुड़े माओवादी संबंधों के आरोप हैं। हालांकि, बॉम्बे हाईकोर्ट ने सितंबर 2023 में उन्हें ज़मानत दी थी, लेकिन उस पर फिलहाल रोक लगी हुई है।
सितंबर 2024 में हाईकोर्ट ने यह कहते हुए राउत को मुंबई के सिद्धार्थ लॉ कॉलेज में एडमिशन देने का आदेश दिया था कि जेल में रहना किसी व्यक्ति के शिक्षा के अधिकार में बाधा नहीं बन सकता। कोर्ट ने माना कि सही प्रक्रिया के तहत सीट मिलने के बाद भी दाख़िला न देना उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।