पुणे न्यूज डेस्क: पुणे कोर्ट में सावरकर मानहानि केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के वकील मिलिंद पवार ने लिखित में कहा कि “वोट चोरी” का मामला उजागर करने के बाद राहुल गांधी की जान को खतरा है। लेकिन मीडिया में ये खबर आने के बाद कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने X पर बताया कि राहुल इस बयान से असहमत हैं, क्योंकि उनके वकील ने बिना उनकी सहमति के यह बयान कोर्ट में दिया। इसलिए यह बयान कोर्ट से वापस लिया जाएगा।
मामले में राहुल के वकील ने एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट से अपील की थी कि शिकायतकर्ता का संबंध नाथूराम गोडसे के परिवार से है, इसलिए केस की निष्पक्ष सुनवाई के लिए राहुल को प्रिवेंटिव प्रोटेक्शन दिया जाए। साथ ही उन्होंने बीजेपी नेताओं के धमकी भरे बयानों का भी जिक्र किया। अगली सुनवाई 10 सितंबर को होगी।
पुणे कोर्ट में यह केस सत्यकी सावरकर ने दर्ज कराया है। उनका आरोप है कि राहुल गांधी के बयानों से हिंदू समुदाय का अपमान हुआ है। राहुल ने कहा था कि सच्चा हिंदू न हिंसक होता है, न नफरत फैलाता है, जबकि बीजेपी नफरत और हिंसा फैलाती है। इस मामले की शुरुआत मार्च 2023 के उस भाषण से हुई, जिसमें राहुल ने दावा किया था कि सावरकर ने अपनी किताब में मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई का जिक्र खुशी के साथ किया था।
इससे पहले जुलाई 2024 में कोर्ट ने सत्यकी की वह मांग खारिज कर दी थी जिसमें उन्होंने राहुल से किताब पेश करने को कहा था। वहीं, 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल ने सावरकर पर अंग्रेजों से माफी मांगने का आरोप लगाया था, जिसे लेकर भी विवाद हुआ था।