ताजा खबर
2 दिन की यात्रा पर सऊदी पहुंचे PM मोदी, बातचीत में ये अहम मुद्दे भी होंगे शामिल   ||    Pahalgam Terror Attack: आतंकी हमले पर पाकिस्तान का पहला बयान, बोले रक्षा मंत्री-हमारा कोई...   ||    VIDEO: PM मोदी के जेद्दा पहुंचते ही सऊदी अरब में गूंजा 'ऐ वतन...' गाना   ||    संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने भी पहलगाम आतंकी हमले पर दी प्रतिक्रिया, बोले 'यह अस्वीकार्य है'   ||    40 साल बाद जेद्दा शहर पहुंचे भारत के प्रधानमंत्री मोदी, सऊदी अरब ने दिया अनोखा सम्मान   ||    ट्रंप टैरिफ पर Google का बड़ा कदम, सस्ते हो सकते हैं Samsung और Apple के फोन   ||    मौसेरे भाइयों ने हारी जिंदगी की जंग, पहलगाम हमले में 3 घायलों की मौत   ||    पहलगाम अटैक में कितने आतंकी शामिल? सामने आई ये बड़ी जानकारी   ||    पहलगाम हमले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका, सुरक्षा को लेकर की ये मांग   ||    अमेरिका से घूमने आए बितान अधिकारी कौन? जिनकी आतंकी हमले में गई जान   ||   

जिस महिला के मर्डर के आरोप में 2018 से जेल में बंद शख्स, वो जिंदा, दिल्ली HC ने किया बरी, जानिए पूरा मामला

Photo Source :

Posted On:Wednesday, April 23, 2025

मुंबई, 23 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। देश में दिन प्रति दिन अपराध बढ़ते जा रहे है। कुछ लोग तो बिना अपराध किये भी जेल में बंद है इसका हाल ही में एक उदाहरण सामने आया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने महिला के मर्डर के आरोप में जेल में बंद शख्स को जमानत दे दी। वो साल 2018 से जेल में बंद था। उसे जिस महिला के मर्डर के आरोप में जेल भेजा गया था वो जीवित मिली है। वहीं, जिस युवती की लाश मिली थी, उसकी पहचान अबतक नहीं हो सकी है। जस्टिस गिरीश कठपालिया ने 21 अप्रैल को मामले की सुनवाई की थी। उन्होंने कहा, 'यह कहना ही होगा कि इस केस की जांच ने कोर्ट की अंतरात्मा को झकझोर दिया है, अभी तक मृतक महिला की पहचान नहीं हो पाई है। जस्टिस कठपालिया ने कहा, यह बेहद दुखद है कि एक महिला ने 7 साल पहले इतने वीभत्स तरीके से जान गंवा दी थी, उसके शरीर को टुकड़ों में काट दिया गया, लेकिन आज तक उसकी पहचान नहीं हो पाई। कोर्ट ने इस केस में पुलिस को लापरवाही दिखाने पर फटकार भी लगाई।

दरअसल, मंजीत केरकेट्टा ने इस आधार पर जमानत की मांग की थी कि वो 2018 से जेल में है, लेकिन अबतक इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है कि हत्या किसकी हुई है। क्योंकि जिस महिला सोनी उर्फ ​​छोटी के हत्या के आरोप में उसे जेल भेजा गया, वो जीवित है। जिसकी लाश मिली उसकी पहचान नहीं हो सकी है। मंजीत ने कहा कि उसे केवल इस आधार आरोपी बनाया गया उसे आखिरी बार सोनी के साथ देखा गया था। पुलिस ने मंजीत को 17 मई 2018 को गिरफ्तार किया था। मामले में पुलिस ने पांच शिकायत दर्ज की थीं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, यह केवल जांचकर्ता (पुलिस) की ही नहीं, बल्कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की भी जिम्मेदारी थी कि उन्हें जांच की निगरानी करनी थी। लेकिन ऐसा लगता है कि उन्होंने मेहनत नहीं की। वहीं, दूसरे पक्ष ने मंजीत की जमानत का विरोध किया। कोर्ट ने कहा कि आरोपी को सिर्फ इसलिए आजादी से वंचित नहीं रखा जा सकता क्योंकि पीड़िता की पहचान नहीं हो सकी है। कोर्ट ने कहा, आरोपी की जमानत याचिका को स्वीकार किया जाता है और निर्देश दिया जाता है कि आरोपी को तत्काल जमानत पर रिहा किया जाए।


पुणे और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. punevocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.