ताजा खबर
BAPS: सेवा और मानवता का सच्चा उदाहरण   ||    मुंबई-पुणे बस में हिस्ट्रीशीटर गिरफ्तार: यात्रियों से कीमती सामान की चोरी का खुलासा   ||    “स्वदेशी हथियारों से हुई थी Operation Sindoor में जीत”, वायु सेना दिवस पर बोले एयर चीफ मार्शल   ||    Nobel Prize 2025: सुसुमु, रिचर्ड और एम याघी को मिला केमिस्ट्री में नोबेल प्राइज, क्या है वो खोज जिसन...   ||    IMD Weather Update:अक्टूबर में पड़ेगी जबरदस्त ठंड, 15 किमी की गति से चलेंगी हवाएं, पहाड़ों पर बर्फबा...   ||    कर्नाटक में BJP नेता की पीट-पीटकर हत्या, पुलिस ने बताई ये वजह   ||    IPS पूरन कुमार सुसाइड में बड़ा खुलासा, 10 आईपीएस अधिकारियों पर गंभीर आरोप   ||    PM Kisan 21th Installment Date: किसानों को दिवाली से पहले मिलेगी किस्त, वितरण शुरू   ||    ‘रूस इस साल यूक्रेन की 5000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कर चुका कब्जा’, राष्ट्रपति पुतिन का बड़ा दावा   ||    अफगान सीमा के पास पाकिस्तानी सेना पर बड़ा हमला, 11 की मौत, TPP ने ली जिम्मेदारी   ||   

खरमास 2024: दिसंबर में इस तारीख से लगेगा खरमास, जानिए इस अवधि में क्यों होते हैं शुभ कार्य!

Photo Source :

Posted On:Monday, November 25, 2024

हिंदू धर्म में खरमास का विशेष महत्व है, जो साल में दो बार आता है और हर बार एक महीने तक रहता है। हिंदू मान्यताओं और रीति-रिवाजों के अनुसार, यह वह काल होता है जब शुभ और मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं। जी हाँ, इस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य जैसे भूमि पूजन, भूमि निर्माण का शुभारंभ, गृह प्रवेश आदि और मांगलिक कार्य जैसे विवाह, सगाई, मुंडन, उपनयन आदि का आयोजन नहीं किया जाता है. कई लोग इस दौरान विद्यारंभ, कान और नाक भी नहीं छिदवाते। आइए जानते हैं दिसंबर में खरमास कब है और इस दौरान मांगलिक कार्य क्यों नहीं होते हैं?

दिसंबर में खरमास कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, खरमास तब शुरू होता है जब सूर्य देव बृहस्पति धनु राशि में प्रवेश करते हैं। इस बार धनु संक्रांति के दिन यानी 15 दिसंबर, रविवार को रात 10:19 बजे जब भगवान सूर्यदेव धनु राशि में प्रवेश करेंगे, उसी के साथ खरमास शुरू हो जाएगा। जहां तक ​​हिंदू महीने के नाम की बात है तो यह अक्सर पूस महीने में आता है। यह खरमास अगले वर्ष मंगलवार 14 जनवरी 2025 तक रहेगा। इस 30 दिन की अवधि में सभी शुभ और मांगलिक कार्य बंद रहेंगे।

खरमास में किस देवता की पूजा फलदायी होती है?
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार भले ही मांगलिक और शुभ कार्य बंद कर दिए जाते हैं, लेकिन पूजा-पाठ और हवन आदि के कार्य नहीं बंद किए जाते हैं। खरमास का सीधा संबंध भगवान सूर्य से है। इसलिए, इस अवधि के दौरान भगवान सूर्य की विशेष रूप से पूजा की जाती है, जिसका समापन मकर संक्रांति त्योहार के साथ होता है। साथ ही खरमास के स्वामी भगवान विष्णु हैं। इस दौरान भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और तुलसी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

खरमास में क्यों किये जाते हैं मांगलिक कार्य?
हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, खरमास तब होता है जब सूर्य धनु और मीन राशि में गोचर करता है। धनु और मीन दोनों पर बृहस्पति का शासन है। आमतौर पर गुरु की राशि में सूर्य का गोचर सर्वोत्तम माना जाना चाहिए, लेकिन यहां मामला बिल्कुल उलट है। मान्यता के अनुसार धनु और मीन राशि में सूर्य के गोचर से सूर्य की चमक कम होने लगती है। वैदिक ज्योतिष में सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है और यह पितृ पक्ष का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए इनका तेज का कम होना मांगलिक के लिए अच्छा नहीं माना गया है।


पुणे और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. punevocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.