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Dharma News Desk : अगर आप भी एकादशी और रविवार के दिन तुलसी के पौधे में जल चढ़ाते हैं, तो हा जाएं सावधान, जानिए क्यों ?

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Posted On:Saturday, November 5, 2022

इस साल देव उठानी एकादशी 4 नवंबर 2022 को हैं और 5 नवंबर को तुलसी विवाह है जिसे कुछ हिस्सों में छोटी दिवाली भी कहा जाता है । तुलसी के पौधे का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ दिनों में तुलसी या तुलसी के पत्तों को लगाना अशुभ माना जाता है।

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व है। तुलसी का पौधा बहुत ही पवित्र पौधा माना जाता है। भारत में लगभग हर घर में तुलसी के पौधे को जगह दी जाती है। इस पौधे को प्रतिदिन जल चढ़ाया जाता है और इसकी पूजा भी की जाती है। ऐसा माना जाता है कि तुलसी का पौधा बहुत ही शुभ होता है और इस पौधे में देवी लक्ष्मी का वास होता है। ऐसा माना जाता है कि इस पौधे को घर में लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है और परिवार पर भगवान विष्णु की कृपा हमेशा बनी रहती है।

तुलसी के पौधे को जल चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है लेकिन रविवार और एकादशी तिथि को जल चढ़ाना वर्जित माना जाता है। रविवार के दिन तुलसी को जल चढ़ाना वर्जित माना जाता है। मान्यता के अनुसार ऐसा इसलिए है क्योंकि रविवार के दिन माता तुलसी भगवान विष्णु के लिए निर्जल व्रत रखती हैं। रविवार के दिन तुलसी में जल चढ़ाया जाए तो इससे माता तुलसी का व्रत टूट जाता है। जिससे भगवान विष्णु की कृपा भी नहीं मिलती है।

एकादशी के दिन तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाना भी अशुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार माता तुलसी का विवाह भगवान विष्णु के रूप में शालिग्राम से हुआ है। इसी वजह से देवउठनी एकादशी के दिन माता तुलसी और भगवान शालिग्राम का विवाह बड़ी धूमधाम से होता है. माता तुलसी प्रत्येक एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु के लिए निर्जल व्रत रखती हैं और इसलिए एकादशी पर जल चढ़ाने से परहेज करती हैं।


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