ताजा खबर
“स्वदेशी हथियारों से हुई थी Operation Sindoor में जीत”, वायु सेना दिवस पर बोले एयर चीफ मार्शल   ||    Nobel Prize 2025: सुसुमु, रिचर्ड और एम याघी को मिला केमिस्ट्री में नोबेल प्राइज, क्या है वो खोज जिसन...   ||    IMD Weather Update:अक्टूबर में पड़ेगी जबरदस्त ठंड, 15 किमी की गति से चलेंगी हवाएं, पहाड़ों पर बर्फबा...   ||    कर्नाटक में BJP नेता की पीट-पीटकर हत्या, पुलिस ने बताई ये वजह   ||    IPS पूरन कुमार सुसाइड में बड़ा खुलासा, 10 आईपीएस अधिकारियों पर गंभीर आरोप   ||    PM Kisan 21th Installment Date: किसानों को दिवाली से पहले मिलेगी किस्त, वितरण शुरू   ||    ‘रूस इस साल यूक्रेन की 5000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कर चुका कब्जा’, राष्ट्रपति पुतिन का बड़ा दावा   ||    अफगान सीमा के पास पाकिस्तानी सेना पर बड़ा हमला, 11 की मौत, TPP ने ली जिम्मेदारी   ||    ट्रंप ने पाकिस्तान को दिया एक और तोहफा! AIM-120 मिसाइलें देने के लिए तैयार हुआ अमेरिका   ||    क्या कनाडा बन जाएगा अमेरिका का 51वां राज्य? ट्रंप और पीएम मार्क कार्नी के बीच मुलाकात में मिले अहम स...   ||   

पोप फ्रांसिस ने ईस्टर से पहले रोम की जेल में बंद 12 महिला कैदियों के पैर धोए और चूमे, जानिए पूरा मामला

Photo Source :

Posted On:Saturday, March 30, 2024

मुंबई, 30 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कैथोलिक ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने ईस्टर से पहले रोम की जेल में बंद 12 महिला कैदियों के पैर धोए और चूमे। पोप ने व्हीलचेयर पर बैठे-बैठे इस रस्म को पूरा किया। दरअसल, 31 मार्च को ईस्टर है। इससे पहले पवित्र बृहस्पतिवार के दिन लोगों के पैर धोकर और उन्हें चूमकर पोप फ्रांसिस या इस पद पर बैठा कैथलिक धर्मगुरु ये जताते हैं कि वो अपने समुदाय के लोगों की सेवा करने के लिए समर्पित हैं। पोप ने भी इस परंपरा को निभाया। रस्म रेबिबिया जेल में निभाई गई। महिलाएं एक ऊंचे मंच पर स्टूल पर बैठी थीं, ताकि पोप व्हीलचेयर से आसानी से रस्म को पूरा कर सकें। जब फ्रांसिस ने महिलाओं के पैर धोए तो वे रो पड़ीं। पोप ने उनके पैर पर धीरे से पानी डाला और फिर एक छोटे तौलिये से पोछा फिर चूमकर रस्म को पूरा किया।

दरअसल, यीशु को सूली (क्रॉस) पर चढ़ाए जाने से पहले आखिरी बार जब उन्होंने अपने ईसाई समर्थकों के साथ खाना खाया तो यीशु ने उनके पैर धोए थे। पोप इसी परंपरा को निभाया निभा रहे हैं। 2013 में जब पोप जब कैथलिक धर्मगुरू बने वो तब से इस रिवाज को निभाते आ रहे हैं। उन्होंने इसमें दूसरे समुदाय और धर्म के लोगों और महिलाओं को शामिल किया। पोप फ्रांसिस ने रेबिबिया जेल में लोगों को संबोधित भी किया। उन्होंने अपने संबोधन में पादरियों से पाखंड से दूर रहने का आह्वान किया। उन्होंने पादरियों से कहा कि वे आम लोगों को जो भी उपदेश देते हैं, उसका पालन उन्हें खुद भी अपने आध्यात्मिक जीवन में करना चाहिए।


पुणे और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. punevocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.