यूक्रेन ने अपने 34वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रूस के खिलाफ एक बड़ा सैन्य अभियान चलाया है। इस अभियान के तहत यूक्रेनी सेना ने रूस के कुर्स्क क्षेत्र में स्थित एक न्यूक्लियर पावर प्लांट समेत कई महत्वपूर्ण बिजली और ऊर्जा केंद्रों पर ड्रोन से हमला किया। रूस की ओर से इस हमले की पुष्टि हुई है और कहा गया है कि इस हमले में न्यूक्लियर पावर प्लांट में आग लग गई, जिसे रूस की सुरक्षा बलों ने कड़ी मशक्कत के बाद कई घंटों के प्रयास में नियंत्रित किया। हालांकि, इस हमले में अभी तक किसी के घायल या मारे जाने की खबर नहीं आई है।
यूक्रेन का स्वतंत्रता दिवस और हमले की रणनीति
24 अगस्त को यूक्रेन ने अपने 34वें स्वतंत्रता दिवस पर पूरे देश में जश्न मनाया। इस खास मौके पर यूक्रेनी सेना ने रूस के कई ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें मुख्य रूप से कुर्स्क के न्यूक्लियर पावर प्लांट के अलावा कई बिजली केंद्र शामिल थे। यूक्रेन का दावा है कि इन हमलों से रूस की ऊर्जा आपूर्ति और सैन्य क्षमताओं को बड़ा नुकसान पहुंचाया गया है।
रूस ने भी कड़ा जवाब दिया है और कहा है कि उसने करीब 95 से अधिक यूक्रेनी ड्रोन को मार गिराया। वहीं, यूक्रेन का कहना है कि रूस ने अपनी ओर से 72 ड्रोन और एक क्रूज मिसाइल दागी, जिनमें से आधे से ज्यादा ड्रोन नष्ट कर दिए गए। दोनों ही देशों ने भारी नुकसान पहुंचाने का दावा किया है, लेकिन घायल या मौत के आंकड़ों की पुष्टि नहीं हुई है।
रूस में हड़कंप और आग बुझाने के प्रयास
रूस के कुर्स्क क्षेत्र में न्यूक्लियर पावर प्लांट पर ड्रोन हमला होने के बाद वहां अफरातफरी मच गई। आग लगने से स्थानीय लोग भयभीत हो उठे, लेकिन रूस की सेना ने तत्परता दिखाते हुए कई घंटों तक चली मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। हालांकि इस घटना से बड़े पैमाने पर कोई मानव हानि नहीं हुई, लेकिन सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
यूक्रेन की दृढ़ता और अंतरराष्ट्रीय समर्थन
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक भाषण में स्पष्ट कहा कि उनका देश अपनी एक इंच भी जमीन रूस को नहीं देगा। उन्होंने देशवासियों को एकजुट रहने का संदेश दिया और कहा कि यूक्रेन अपनी संप्रभुता और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए पूरी ताकत से लड़ रहा है।
इसके साथ ही, यूरोप के कई प्रमुख नेताओं ने यूक्रेन के स्वतंत्रता दिवस पर उन्हें बधाई दी और उनकी लड़ाई में समर्थन का आश्वासन दिया। यह संकेत है कि यूक्रेन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक और कूटनीतिक समर्थन मिल रहा है।
भविष्य की चुनौतियां
यूक्रेन और रूस के बीच जारी संघर्ष ने पूरे क्षेत्र में तनाव बढ़ा दिया है। दोनों देशों के बीच ड्रोन और मिसाइल हमलों का सिलसिला लगातार जारी है, जिससे नागरिक सुरक्षा और ऊर्जा आपूर्ति पर भी खतरा मंडरा रहा है। विशेषकर न्यूक्लियर पावर प्लांट पर हमला, वैश्विक स्तर पर चिंता का विषय बना हुआ है, क्योंकि इससे बड़े परमाणु खतरे को जन्म मिल सकता है।
निष्कर्ष
यूक्रेन का 34वां स्वतंत्रता दिवस न केवल देश की आज़ादी का जश्न था, बल्कि रूस के खिलाफ उसकी सैन्य तैयारी और संघर्ष की भी मिसाल पेश किया। इस हमले ने दिखा दिया कि यूक्रेन अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के लिए कितनी प्रतिबद्ध है। वहीं, रूस भी अपने सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए कड़ी कार्रवाई करने से पीछे नहीं हट रहा। इस जंग का असर न केवल दोनों देशों पर, बल्कि पूरी दुनिया की राजनीति और सुरक्षा पर लंबे समय तक देखने को मिलेगा।