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थाईलैंड के 8 जिलों में मार्शल लॉ लागू, 6 नेशनल पार्कों पर जड़े ताले

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Posted On:Saturday, July 26, 2025

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच पिछले कुछ दिनों से सीमा विवाद को लेकर चल रहा संघर्ष अब और अधिक गंभीर होता जा रहा है। दोनों देशों के सैनिक एक-दूसरे पर लगातार हमले कर रहे हैं। इस टकराव ने अब तक एक दर्जन से अधिक लोगों की जान ले ली है और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। थाईलैंड ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अपने आठ सीमावर्ती जिलों में मार्शल लॉ लागू कर दिया है। वहीं, सीमा से लगे छह प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानों (नेशनल पार्क) को भी तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है।

संघर्ष की शुरुआत और बढ़ता दायरा

गुरुवार को सीमा के पास स्थित शिव मंदिर के क्षेत्र में गोलीबारी और मोर्टार हमले शुरू हुए, जिससे यह संघर्ष और तेज हो गया। ये मंदिर स्थल एक यूनेस्को विश्व धरोहर है, जिसे लेकर दोनों देशों के बीच पहले भी तनाव हो चुका है। इस हमले के बाद हालात तेजी से बिगड़ने लगे और शुक्रवार तक संघर्ष ने एक व्यापक रूप ले लिया।

थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई ने बयान देते हुए कहा कि यह संघर्ष अब एक पूर्ण युद्ध की ओर बढ़ सकता है। उनका कहना है कि सरकार हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है, लेकिन फिलहाल प्राथमिकता नागरिकों की सुरक्षा है। अब तक थाईलैंड ने संघर्षग्रस्त क्षेत्रों से करीब 1,30,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है।

मार्शल लॉ की घोषणा

गंभीर होती स्थिति के बीच थाईलैंड ने सीमा से लगे 8 जिलों में मार्शल लॉ लागू कर दिया है। इन जिलों में सेना को पूर्ण नियंत्रण दे दिया गया है और नागरिक प्रशासन की भूमिका सीमित हो गई है। यह कानून आमतौर पर युद्ध या आंतरिक विद्रोह जैसे आपातकालीन हालात में लागू किया जाता है। इससे न सिर्फ आम जनजीवन प्रभावित हुआ है, बल्कि स्थानीय प्रशासन और पर्यटक क्षेत्रों में भी भय का माहौल बना हुआ है।

राष्ट्रीय उद्यानों को किया गया बंद

संघर्ष की आशंका को देखते हुए थाईलैंड सरकार ने सीमा से लगे 6 नेशनल पार्कों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। इनमें शामिल हैं:

  1. फू चोंग-ना योई राष्ट्रीय उद्यान (उबोन रत्चथानी प्रांत)

  2. योद डोम वन्यजीव अभयारण्य (उबोन रत्चथानी प्रांत)

  3. खाओ फ्रा विहान राष्ट्रीय उद्यान (सिसाकेत प्रांत)

  4. फानोम डोंग राक वन्यजीव अभयारण्य (सिसाकेत प्रांत)

  5. हुआई साला वन्यजीव अभयारण्य (सिसाकेत प्रांत)

  6. हुआई थाप थान-हुआई समरान वन्यजीव अभयारण्य (सूरिन प्रांत)

इन पार्कों में तैनात करीब 600 रेंजरों को भी सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है ताकि किसी भी स्थिति से बचा जा सके।

भारत की ट्रैवल एडवाइजरी

इस संघर्ष को देखते हुए भारत सरकार ने भी अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वर्तमान में थाईलैंड-कंबोडिया सीमा की ओर जाना खतरनाक हो सकता है, इसलिए भारतीय नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और किसी भी प्रकार की सूचना के लिए स्थानीय दूतावास से संपर्क में रहें।

ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नुकसान की आशंका

थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर स्थित शिव मंदिर, जिसे कंबोडिया “प्रेह विहेयर” और थाईलैंड “खाओ फ्रा विहान” के नाम से जानता है, बार-बार टकराव का केंद्र रहा है। यह स्थल यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल है और इस पर नियंत्रण को लेकर दोनों देशों में लंबे समय से विवाद रहा है। इस बार संघर्ष में इस मंदिर पर भी तोप के गोले दागे गए हैं, जिससे इसके संरचनात्मक नुकसान की आशंका जताई जा रही है।

निष्कर्ष: आगे क्या?

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच यह सीमा विवाद अब राजनीतिक और सैन्य तनाव से ऊपर उठकर आम लोगों की जिंदगी को प्रभावित करने लगा है। दोनों देशों को जल्द ही संयुक्त राष्ट्र या आसियान देशों की मध्यस्थता के जरिए इस विवाद का शांतिपूर्ण समाधान खोजना होगा, अन्यथा यह पूरा क्षेत्र एक बड़े मानवीय संकट की ओर बढ़ सकता है।

इस संघर्ष से न केवल जान-माल का नुकसान हो रहा है, बल्कि पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण, और क्षेत्रीय स्थिरता पर भी गंभीर खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका भी अहम हो जाती है, जिससे शांति और स्थायित्व सुनिश्चित किया जा सके।


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