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Israel-Gaza Ceasefire: गाजा में सीजफायर पर राजी हुए नेतन्याहू, अब हमास को माननी होंगी ये शर्तें

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Posted On:Thursday, May 22, 2025

इजराइली हमलों के बीच गाजा की स्थिति तेजी से गंभीर होती जा रही है। लगातार जारी हमलों में सैंकड़ों मासूम बच्चों और नागरिकों की जानें जा चुकी हैं, जबकि बुनियादी जरूरतों का भारी संकट गाजा में गहराता जा रहा है। खाने-पीने के सामान की किल्लत के चलते स्थानीय लोग भूख और बीमारी की मार झेल रहे हैं। कुछ रिपोर्टों में चेतावनी दी गई है कि यदि गाजा में समय पर और पर्याप्त राहत सामग्री नहीं पहुंचाई गई, तो हजारों बच्चे भुखमरी के कारण जान गंवा सकते हैं।

हालांकि, बीते दिनों राहत सामग्री के कुछ ट्रक गाजा में प्रवेश करने में सफल रहे, जिससे थोड़ी राहत मिली है, लेकिन यह मदद अभी भी संकट की बड़ी लहर को रोकने के लिए काफी नहीं है। इस बीच, इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अस्थायी सीजफायर के लिए हामी भरी है, लेकिन इसके लिए उन्होंने हमास के सामने कुछ कड़े शर्तें रखी हैं, जो क्षेत्र में शांति बहाल करने के प्रयासों में नई चुनौतियां खड़ी कर रही हैं।

नेतन्याहू की शर्तें और बंधकों का मुद्दा

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट किया है कि गाजा में अस्थायी युद्धविराम तभी संभव है जब हमास उनके 20 से अधिक बंधकों को सुरक्षित रिहा करे। नेतन्याहू के अनुसार, इन बंधकों को छुड़ाना उनकी प्राथमिकता है, और इसी मुद्दे पर सीजफायर की सहमति दी गई है। उन्होंने साथ ही यह भी जोर देकर कहा कि इजरायली सेना का उद्देश्य पूरी तरह गाजा क्षेत्र पर नियंत्रण स्थापित करना है, जिससे हमास की सैन्य गतिविधियों को पूरी तरह समाप्त किया जा सके।

नेतन्याहू के इस बयान से पहले ही हाल ही में इजराइली सेना ने वेस्ट बैंक के जेनिन इलाके में विदेशी राजनयिकों के एक डेलिगेशन पर गोलियां चलाईं, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद और कूटनीतिक तनाव बढ़ गया है। इस घटना ने गाजा संकट को और जटिल बना दिया है, और क्षेत्रीय स्थिरता पर प्रभाव डाला है।

गाजा में मानवाधिकार संकट

गाजा की मौजूदा स्थिति बेहद भयावह है। हाल के इजराइली हवाई हमलों में लगभग 19 लोगों की मौत हुई है, जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं। मानवीय सहायता संगठनों ने कहा है कि जो राहत सामग्री गाजा पहुंचाई गई है, वह पर्याप्त नहीं है और वहां की स्थिति से नाकाफी मुकाबला कर पा रही है। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने भी स्वीकार किया है कि सुरक्षा कारणों से राहत सामग्री अभी भी वितरण केंद्रों से बाहर तक नहीं पहुंच पाई है, जिससे असहाय लोग बुनियादी जरूरतों के लिए जूझ रहे हैं।

गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन जैसी संस्थाएं दावा कर रही हैं कि उन्होंने लगभग 300 मिलियन भोजन के पैकेट वितरित किए हैं, लेकिन इस सहायता के बावजूद, भूख और कुपोषण की स्थिति गाजा में गंभीर बनी हुई है। स्थानीय लोगों के लिए पानी, दवाइयां और चिकित्सा सुविधाएं भी बेहद सीमित हो गई हैं, जिससे संक्रमण और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।

राहत सामग्री की चुनौतियां

राहत सामग्री की आवाजाही पर भी कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं। सुरक्षा की आड़ में इजराइली सेना और सीमा नियंत्रण एजेंसियां राहत काफिलों को नियंत्रित कर रही हैं। इससे गाजा के अंदरूनी इलाकों तक जरूरी सामान पहुंचना मुश्किल हो रहा है। कई बार राहत काफिले सीमा पर ही फंसे रहते हैं, जिससे समय पर जरूरतमंदों तक मदद नहीं पहुंच पाती।

इस संकट के बीच कई अंतरराष्ट्रीय संगठन और मानवाधिकार समूह इजराइल और हमास दोनों से आग्रह कर रहे हैं कि वे मानवीय आधार पर अस्थायी युद्धविराम करें ताकि राहत सामग्री को गाजा में सुरक्षित पहुंचाया जा सके और घायल लोगों को चिकित्सा सुविधा मिल सके।

क्या होगा आगे?

यदि हमास नेतन्याहू की शर्तें मान लेता है और बंधकों को रिहा कर देता है, तो गाजा में कुछ समय के लिए स्थिति में सुधार आ सकता है। इस स्थिति में राहत सामग्री को अधिक आसानी से और व्यापक स्तर पर पहुंचाने की अनुमति मिल सकती है, जिससे लाखों लोगों की जान बचाई जा सकेगी।

हालांकि, नेतन्याहू के गाजा पर पूर्ण नियंत्रण की मंशा और सैन्य कार्रवाई के उद्देश्य को देखते हुए यह स्पष्ट नहीं है कि लंबे समय तक शांति स्थापित हो पाएगी या नहीं। क्षेत्र में हिंसा की जड़ें गहरी हैं और दोनों पक्षों के बीच वैचारिक और राजनीतिक मतभेद इसे और जटिल बनाते हैं।

निष्कर्ष

गाजा में मानवीय संकट बेहद गंभीर है। मासूम बच्चों की जानें जा रही हैं, परिवार बिछड़ रहे हैं, और हजारों लोग भुखमरी की कगार पर हैं। राहत सामग्री की सीमित पहुंच और राजनीतिक शर्तों ने इस संकट को और विकराल बना दिया है। नेतन्याहू द्वारा अस्थायी सीजफायर की घोषणा एक आशा की किरण जरूर है, लेकिन यह तब तक स्थायी समाधान नहीं बन सकता जब तक दोनों पक्ष शांति और सहअस्तित्व की दिशा में ठोस कदम न उठाएं।

इस मुश्किल दौर में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी बनती है कि वह दबाव बनाए रखे ताकि गाजा के लोगों तक राहत सामग्री पहुंच सके और इस क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित हो सके। तभी वहां के निर्दोष नागरिकों का जीवन बचाया जा सकेगा और उनके भविष्य को सुरक्षित बनाया जा सकेगा।


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