पाकिस्तान की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है, और इसकी वजह हैं पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान। लंबे समय से जेल में बंद इमरान खान ने अब पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर पर तीखा व्यंग्य किया है। दरअसल, जनरल मुनीर को हाल ही में फील्ड मार्शल के पद पर प्रमोट किया गया है, जो पाकिस्तानी सेना की सर्वोच्च सैन्य रैंक है। इसी को लेकर इमरान खान ने तंज कसते हुए कहा कि “अगर असीम मुनीर को फील्ड मार्शल बना ही दिया गया है, तो उन्हें खुद को राजा भी घोषित कर लेना चाहिए।”
क्यों बोले इमरान खान ऐसा?
इमरान खान ने सोशल मीडिया के जरिए यह सवाल उठाया कि क्या असीम मुनीर को वाकई फील्ड मार्शल बनाया गया है या उन्होंने खुद को यह उपाधि दे दी है? उन्होंने पाकिस्तान की राजनीति और सेना के संबंधों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “यहां तो जंगल का राज है और जंगल में एक ही राजा होता है।” उनका इशारा पाकिस्तान की सेना की उस ताकत की ओर था, जो अक्सर देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया से ऊपर मानी जाती है।
फील्ड मार्शल की असली कहानी
पाकिस्तान में फील्ड मार्शल की रैंक बहुत दुर्लभ है। इससे पहले सिर्फ एक व्यक्ति को यह पद मिला है—जनरल अयूब खान, जिन्होंने सेना से प्रमोशन पाकर खुद को राष्ट्रपति बना लिया था। दिलचस्प बात यह है कि अयूब खान का जन्म भारत के अलीगढ़ में हुआ था और वे ब्रिटिश इंडियन आर्मी में भी कार्यरत रह चुके थे। विभाजन के बाद उन्होंने पाकिस्तान में सत्ता की बागडोर संभाली और अंततः लोकतांत्रिक सरकार को गिराकर खुद राष्ट्रपति बन बैठे।
सेना से बात करने को तैयार इमरान
इमरान खान ने जेल से यह भी संदेश दिया है कि वह पाकिस्तान की भलाई और विकास के लिए सेना से बातचीत को तैयार हैं। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि अभी तक उनकी सेना के साथ कोई औपचारिक बातचीत या समझौता नहीं हुआ है। बता दें कि इमरान खान को 2023 से भ्रष्टाचार और अन्य मामलों में जेल में बंद किया गया है। हाल ही में उनके यौन उत्पीड़न की खबरें भी सामने आई थीं, जिससे वे फिर से सुर्खियों में आ गए हैं।
क्या यह तख्तापलट की ओर संकेत?
इमरान खान के इस बयान को केवल एक राजनीतिक तंज के रूप में नहीं देखा जा रहा। यह पाकिस्तान की उस पुरानी परंपरा की ओर भी इशारा करता है, जहां सेना अक्सर सत्ता की सच्ची धुरी रही है। जनरल मुनीर को फील्ड मार्शल बनाए जाने के फैसले को इमरान खान ने तानाशाही की राह का संकेत बताया है।
निष्कर्ष
इमरान खान का बयान सिर्फ व्यक्तिगत चुटकी नहीं है, बल्कि यह पाकिस्तान की लोकतांत्रिक बनावट पर बड़ा सवाल भी उठाता है। क्या वहां अब भी जनतंत्र का वजूद बचा है या फिर एक बार फिर सेना की ताकत हावी हो रही है? जनरल असीम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाए जाने पर उठते सवाल इस ओर इशारा कर रहे हैं कि पाकिस्तान की राजनीति और सत्ता का केंद्र अभी भी वर्दीधारी हाथों में ही है।