पुणे न्यूज डेस्क: **पुणे बस डिपो में महिला के साथ हुए रेप मामले पर सोशल मीडिया पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि पीड़िता आरोपी को पहले से जानती थी, उसने उससे पैसे लिए थे और यह सब कुछ सहमति से हुआ था। हालांकि, कोर्ट में मंगलवार को हुई सुनवाई में पीड़ित पक्ष के वकील ने इन आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया। वकील ने कहा कि इस तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं ताकि पीड़िता मानसिक दबाव में आ जाए। उन्होंने कोर्ट से अपील की कि ऐसी झूठी कहानियों पर तुरंत रोक लगाने का आदेश दिया जाए। इस मामले में बुधवार (5 मार्च) को भी सुनवाई होगी।
**घटना को लेकर पुणे की डिप्टी कमिश्नर स्मार्तना पाटिल ने बताया कि 26 वर्षीय महिला घरों में काम करती है और 25 फरवरी की सुबह करीब 5 बजे अपने गांव जाने के लिए बस का इंतजार कर रही थी। उसी दौरान आरोपी युवक ने उसे "दीदी" कहकर रोका और पूछा कि वह कहां जा रही है। जब पीड़िता ने अपने गांव जाने की बात कही, तो आरोपी ने उसे भरोसा दिलाया कि उसकी बस दूसरी जगह खड़ी है और वह उसे वहां छोड़ देगा। महिला ने पहले मना किया, लेकिन जब आरोपी ने यह कहकर विश्वास दिलाया कि वह यहां 10 साल से काम कर रहा है, तो वह उसके साथ चल पड़ी।
बस पार्किंग एरिया पहुंचने के बाद युवक ने एक शिवशाही बस की ओर इशारा किया और कहा कि बस के अंदर जाकर बैठ जाए। जब महिला ने देखा कि बस में अंधेरा है, तो उसने झिझकते हुए युवक से पूछा कि लाइट क्यों नहीं जल रही। इस पर आरोपी ने कहा कि अन्य यात्री सो रहे हैं, इसलिए रोशनी बंद है। जैसे ही महिला बस में चढ़ी, आरोपी ने दरवाजा बंद कर लिया और उसके साथ जबरदस्ती की।