पुणे न्यूज डेस्क: पुणे की रहने वाली 26 वर्षीय वैष्णवी हगवणे की आत्महत्या मामले ने अब सियासी तूल पकड़ लिया है। आरोप है कि दहेज की मांग और प्रताड़ना से तंग आकर उन्होंने जान दी। इस गंभीर मामले को लेकर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि केस को मज़बूती से तैयार किया जाए ताकि दोषियों को सज़ा दिलाई जा सके।
अजित पवार ने शुक्रवार शाम वैष्णवी के माता-पिता से मुलाकात की और इस केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की योजना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केस के लिए विशेष वकील की नियुक्ति पर भी विचार हो रहा है। पवार ने यह भी बताया कि वह दिल्ली जाकर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलेंगे और केस की तेज़ सुनवाई को लेकर चर्चा करेंगे।
इस बीच पुलिस जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि वैष्णवी की आत्महत्या से पहले उन्हें प्लास्टिक पाइप और अन्य चीजों से पीटा गया था, जिससे शरीर पर गंभीर चोटों के निशान मिले हैं। इस मामले में एनसीपी से निष्कासित राजेंद्र हगवणे और उनके बेटे सुशील को गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों आरोपी कुछ दिनों से फरार थे और पुणे के स्वर्गेट इलाके से भागने की कोशिश में पकड़े गए।
इसके पहले वैष्णवी के पति शशांक, सास लता और ननद करिश्मा को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। मायकेवालों ने आरोप लगाया कि शादी में 51 तोला सोना, चांदी और SUV देने के बावजूद ससुराल वाले 2 करोड़ रुपये की मांग कर रहे थे और लगातार प्रताड़ित कर रहे थे। अजित पवार ने यह भी कहा कि अगर इस केस में किसी पुलिस अधिकारी की लापरवाही या मिलीभगत पाई जाती है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।