ताजा खबर
PROP पुणे में नई कमेटी का गठन, उदयन माने बने अध्यक्ष   ||    पुणे कार लोन फ्रॉड: ईडी की बड़ी छापेमारी, महंगी गाड़ियाँ और फर्जी दस्तावेज जब्त   ||    ‘पुलिस स्टेशन में भूत’ की नई तस्वीर ने बढ़ाया रोमांच - लौट आया RGV–Bajpayee का जादू   ||    IFP फेस्टिवल में छाया फातिमा–विजय का जलवा, गुस्ताख इश्क के लिए बढ़ा क्रेज   ||    रणदीप हुड्डा और लिन लैशराम ने मनाई दूसरी सालगिरह, जल्द बनेगे माता-पिता   ||    काजोल और तनुजा की मौजूदगी में लॉन्च हुआ उत्तर का इमोशनल ट्रेलर   ||    IFFI 2025 में जॉन अब्राहम की ओस्लो: ए टेल ऑफ़ प्रॉमिस ने छू लिया दिल   ||    पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट, किस रास्ते आएंगे भारत?   ||    पंजाब रोडवेड के हड़ताली कर्मचारियों पर एक्शन, सभी को किया गया सस्पेंड   ||    नीतीश मंत्रिपरिषद का होगा विस्तार, कैसे जातीय समीकरण साधेगी JDU?   ||   

TCS छंटनी विवाद: पुणे में 2,500 कर्मचारियों को मजबूरन इस्तीफा, NITES ने CM फडणवीस को लिखा पत्र

Photo Source : Google

Posted On:Friday, October 3, 2025

पुणे न्यूज डेस्क: टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), जो भारत की सबसे बड़ी आईटी सर्विस कंपनियों में गिनी जाती है, इन दिनों छंटनी को लेकर चर्चा में है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी ने हाल ही में पुणे कैंपस में करीब 2,500 कर्मचारियों को मजबूरन इस्तीफा देने की स्थिति में ला दिया। इस पर आईटी कर्मचारियों के संगठन नसेंट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (NITES) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को पत्र लिखकर गलत तरीके से की जा रही बर्खास्तगी का मुद्दा उठाया है।

NITES के चेयरमैन हरप्रीत सिंह सलूजा का कहना है कि अचानक की जा रही इस कार्रवाई से राज्य में आईटी प्रोफेशनल्स के बीच भय और असुरक्षा का माहौल बन गया है। इससे पहले भी सोशल मीडिया पर TCS के कई पूर्व कर्मचारियों ने छंटनी को लेकर शिकायतें दर्ज कराई थीं। माना जा रहा है कि प्रभावित कर्मचारियों की वास्तविक संख्या कहीं ज्यादा हो सकती है।

दरअसल, इस साल की शुरुआत में ही TCS ने वैश्विक स्तर पर अपने वर्कफोर्स में लगभग 2% कटौती का ऐलान किया था। कंपनी का कहना था कि यह कदम उसके रीस्ट्रक्चरिंग प्लान का हिस्सा है, ताकि आने वाले समय की चुनौतियों के लिए संगठन को तैयार किया जा सके। लेकिन अब यूनियन का कहना है कि कर्मचारियों को बिना पूर्व सूचना और सुरक्षा के काम से हटाना अनुचित और अवैधानिक है।

सबसे ज्यादा दिक्कत उन कर्मचारियों को हो रही है जिनकी उम्र 40 साल से ऊपर है। NITES का कहना है कि ऐसे कर्मचारी लोन की EMI, बच्चों की पढ़ाई और परिवार की जिम्मेदारियों के बोझ तले दबे हुए हैं। अचानक नौकरी जाने से उनके भविष्य की योजनाएं ध्वस्त हो रही हैं। यूनियन ने मांग की है कि महाराष्ट्र सरकार तत्काल हस्तक्षेप करे, औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के तहत कर्मचारियों के अधिकार लागू करे और आगे होने वाली छंटनी पर रोक लगाए।


पुणे और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. punevocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.