पुणे न्यूज डेस्क: पुणे में हुई एक मुलाकात ने महाराष्ट्र की सियासत को गरमा दिया है। रविवार, 1 जून को शरद पवार और अजित पवार कुछ समय के लिए अकेले में बातचीत करते नजर आए। चाचा-भतीजे की इस मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, क्योंकि पिछले कुछ समय से दोनों के फिर से साथ आने की अटकलें लग रही थीं। ऐसे में इस मुलाकात को कई सियासी संकेतों से जोड़ा जा रहा है।
यह बैठक दरअसल पुणे में हर महीने होने वाली शुगर कोऑपरेटिव ग्रुप की नियमित बैठक का हिस्सा थी, जिसमें शरद पवार, अजित पवार, दिलीप वलसे पाटील जैसे दिग्गज शामिल होते हैं। इस बार भी मीटिंग के बाद जब चाय का ब्रेक हुआ, तब शरद पवार और अजित पवार कुछ देर अकेले में बात करते दिखे। यह 5 से 7 मिनट की मुलाकात चर्चा का केंद्र बन गई।
इस बैठक का मुख्य एजेंडा था कि शक्कर उत्पादन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का उपयोग कैसे किया जा सकता है। करीब दो घंटे चली इस बैठक में यह तय हुआ कि एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा, जिसमें बारामती के सोमेश्वर कारखाने, बारामती बैंक और AI से जुड़ी संस्था की भागीदारी होगी। चर्चा के मुताबिक, अगर गन्ना उत्पादन में 40% तक बढ़ोतरी होती है, तभी AI को भुगतान किया जाएगा।
इस बैठक पर इसलिए भी सबकी नजरें थीं क्योंकि बीते एक महीने से दोनों एनसीपी गुटों के एक होने की चर्चाएं जोरों पर हैं। हालांकि, इस बात की पुष्टि किसी ने नहीं की कि शरद पवार और अजित पवार के बीच इस राजनीतिक मुद्दे पर कोई बातचीत हुई या नहीं। मीटिंग में मौजूद लोगों ने इस पर कुछ भी कहने से इनकार किया है, इसलिए असली बात वही दोनों नेता ही बता सकते हैं।